भावनगर: दुनिया में शायद ही ऐसा उदाहरण मिलेगा, जिसमें 3 फीट ऊंचाई और 14 KG वजन वाले 17 वर्षीय गणेश को लोग अब एक डॉक्टर के रूप में देखेंगे। गणेश का यह सपना सुप्रीमकोर्ट के एक फैसले के बाद पूरा हुआ। गणेश की हाइट और वजन कम होने की वजह से उसे 72% विकलांग माना गया। ऐसे में मेडिकल कमेटी ने कहा कि इमरजेंसी मेंं उसकी सेवाएं नहीं ली जा सकती। इसलिए गणेश को अयोग्य ठहराया गया था।
एडमिशन कमेटी ने लगाई थी रोक: गोरखी गांव के गणेश को डॉक्टर बनना था, इसलिए उसने NEET की परीक्षा दी। इसमें उसने 223 का स्कोर प्राप्त किया। किंतु मेडिकल की एडमिशन कमेटी ने उसके प्रवेश पर रोक लगा दी, इससे उसका सपना चूर-चूर हो गया। इसके खिलाफ गणेश ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीमकोर्ट ने एडमिशन कमेटी के बेवुनियाद तर्क को खारिज करते हुए गणेश के पक्ष में फैसला सुनाया।