मुबारक अंसारी/झारखंड!! नाम -मिठू दास, ग्राम-लखिजोल, पंचायत-डोमनगड़िय, प्रखंड-पाकुड़िया की निवासी हैं। एक गरीब परिवार से होने के कारण 2013 मे ये शोषठी माँ आजीविका सखी मंडल से जुड़ी। ये और इनके पति के साथ इनके दो बच्चे जिसमें एक लड़की और एक लड़का के साथ ये परिवार पूर्णतः खेती पर निर्भर था। जिसमें कभी कभी केवल खाने भर ही अनाज हो पता था, इस कारण से आर्थिक स्थिति दयनीय होती गई। साल मे कुछ दिन ही बाहर काम मिल पता था जिससे साल के अंत में परिवार चलाने मे तंगी आ जाती थी। कुछ पैसे कर्ज भी लेना पड़ता था बच्चों की पढ़ाई छूटने जैसी स्थिति आ गई थी, तथा बचत के रूप में भी कुछ नहीं था।
2018 में आजीविका SVEP के तहत CRPEP माला कुमारी के द्वारा जब हमें उद्यम के बारे मे जानकारी मिली तो ये और इनके पति ने आपस में विमर्श करके ईंट भट्ठे का उद्यम लगाने का निर्णय लिया। इन्होंने 30,000 रुपये का ऋण SVEP से प्राप्त किया एवं कुल 105000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी लगाकर मिठू ईंट भठ्ठा यूनिट के नाम से उद्यम की शुरूआत की। जब से इन्होंने इस उद्यम की शुरुआत की है इनका कहना है कि तब से इन्हें अच्छी खासी बचत होने लगी। प्रति माह वर्तमान इन्हें लगभग 10000 रुपये का मुनाफा हो रहा है। साथ ही मेरे व्यापार का बिक्री सरकार के द्वारा चलाये जा रहे इंदिरा आवास योजना, नाली गली योजना और स्वच्छ भारत मिशन मे भी इट की बिक्री की है जिस से मेरी व्यापार की आय बढ़ी है वर्तमान समय में इनके व्यापार की वार्षिक आय 750000 हजार रुपए है। जिससे ये अपने परिवार को चलाने में सक्षम हुई हैं। इनके बच्चे अब शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लड़की कक्षा 6 और लड़का कक्षा 4 के विद्यार्थी हैं। कुछ पैसे बैंक मे भी बचत कर रहे हैं, अब इनके व्यवसाय की कुल पूंजी लगभग 300000 रुपये तक पहुंच गई हैं। समूह के माध्यम से समृद्धि के पथ पर मिठू दास एवं उनका परिवार अग्रसर है।