देश दीपक शुक्ला/टड़ियावां!! स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा अरबों रुपए खर्च कर प्रदेश के प्रत्येक जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के अंतर्गत बीते वर्ष 2020 में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया हैं। सरकार का सपना है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त हो सभी नागरिक शौचालय का प्रयोग कर सके लेकिन यहां के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। ठीक ऐसा ही मामला जनपद की कई विकास खण्ड की ग्राम पंचायतों का है। बताते चले कि यहां जनपद की विकास खण्ड टड़ियावां, हरियावां एवं अहिरोरी में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के अंतर्गत बीते वर्ष सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया था। सामुदायिक शौचालय को जल्दी व सुन्दर निर्माण करवाने वाले ग्राम प्रधान व सचिव को जिलाधिकारी अविनाश कुमार व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था। विकास खण्ड टड़ियावां की ग्राम पंचायत गौरा डांडा, सिकन्दरपुर, टड़ियावां खास सहित कई ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों में ताला लटका हैं। इसके साथ ही हर्रई, बरौली, बोझवा आदि कई ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय आधे अधूरे पड़े हैं और पैसा निकल गया हैं। अब सोचनीय विषय यह है कि जब शौचालयों में ताला पड़ा होगा तो गाँव वासी शौच के लिए बाहर जायेगे ही जो सरकार के बाहर खुले में शौच मुक्त चूर-चूर करता नजर आ रहा हैं। इसके साथ ही जो सामुदायिक शौचालय अधूरे पड़े हैं, तो वह क्यों पड़े हैं, अगर पैसा नही निकला तो क्यो नही निकला यह एक सोचनीय विषय हैं। उक्त प्रकरण में टड़ियावां ब्लाक के एडीओ पंचायत अरविंद वर्मा ने बताया कि कुछ ग्राम पंचायतों का पूरा पैसा नही निकला था और निकलने से पहले प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया था।जिसके चलते शौचालय अधूरे पड़े हैं। इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में शौचालय पूर्ण होने पर भी ताला लटक रहा हैं, वहां पर एक कर्मचारी की नियुक्ति होनी है। वह अभी नही हो सकी है जल्द ही कर्मचारियों की नियुक्ति कर सामुदायिक शौचालय शुरू कराए जायेंगे।