राजेन्द्र सिह चौहान/उत्तरकाशी!! उत्तराखंड के पहाडी़ क्षेत्रों में जमकर हिमपात हुआ जिससे कास्तकारों और बागवानों के चेहरों पर रौनक आ गयी है। यह बर्फवारी इस साल की पहली बर्फ है जिसका कि इंतजार हो रहा था लंबे समय से सुखे जैसी स्थिति पैदा हो गयी थी तो कास्तकारों की परेशानी भी लाजमीय थी अब इस बर्फ ने काश्तकारों और बागानों को राहत जरूर दी है। उत्तरकाशी में गंगोत्री यमुनोत्री से लेकर निचले सभी ईलाकों में भारी बर्फवारी हुई है यह सीजन की ऐसी बर्फवारी है जब जमकर बर्फवारी हुई है। यह बर्फर्वारी रबी और खरीब की फसलों के लिये बहुत लाभदायक होगी जिससे जमीन में नमी आयेगी और उर्बरा शक्ति बढेगी दूसरी ओर यह बर्फवारी सेब के बागानों के लिये सबसे अच्छी है सेब की फसल बंफर आने के आसार पैदा हो गये हैं हांलाकि कुछ समय पहले यह बर्फवारी निचले ईलाकों में नहीं हुई लेकिन सीजन की यह बर्फवारी खुब लाभदायक होगी। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री, यमुनोत्री, हरकीदून, गुलाबी केदारकांठा, चाईशिल, देवबन, मौडा, झोटाडी, भुटाणु, थुनारा, देवती, लिवाडी, फिताडी, जखोल, भीतरी, मसरी, दोणी, बरी, खनयासणी, नुराणु, हडवाडी, ओडाठा, सरास, ढाटमीर, सौड, सांकरी, पवाणी, सरूताल, दयारा, राडी़, आदि स्थानों पर इस बार जम कर बर्फबारी हुई। इस बर्फबारी से अब क्षेत्र में भारी पर्यटक आने की संभावना पैदा हो गयी है। मोरी ब्लाक के सीमांत गांव ढाटमीर में बर्फबारी में तांदी नृत्य करते ग्रामीण। क्षेत्र में हुई भारी बर्फबारी भी आस्था का जश्न मनाने में कोई खलल नहीं डाल सकी। ग्रामीण उत्साह के साथ सोमेश्वर मंदिर परिसर में ईष्ट की अनुकम्पा में उत्सव मनाने में जुटे हैं। आज इस मनमोहक बर्फवारी में लोग खुब मस्ती कर रहे हैं हांलाकि पहाडो़ का मौसम अभी खराब है जिससे कलतक बर्फवारी की संभवाने पहाडो़ में ठंडक इतनी है कि लोग ठीठुर रहे हैं।