अजय सिसोदिया/देवास!! भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है इसे श्रीमद भागवत या केवल भागवतम भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण के रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। भागवत कथा के चौथे दिन की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। कथावाचक पंडित रितेश कृष्ण शर्मा ने कहा कि कथा श्रवण करना परम सौभाग्य है जो लोग भक्ति करने जाएंगे तो उसकी परीक्षाएं तो होंगी। श्रीमद् भागवत महापुराण को श्रवण करने से हमारे जन्म जन्मांतर के दुख समाप्त हो जाते हैं, पाप और दुख में बहुत अंतर है। श्रीमद् भागवत कथा चतुर्थ दिवस के प्रसंग का वृतांत सुनाते हुए बताया कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारों में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था जिसमें भगवान विष्णु ने एक वामन के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया। इसी भागवत जी का पाठ ग्राम बेलरी में पंडित रितेश कृष्ण शर्मा जी महाराज के द्वारा दिया जा रहा है जिसे सुनने के लिए ग्राम के सभी छोटे बड़े बुजुर्ग श्रद्धालु आ रहे है।