दिलीप शुक्ला/साल्हेवारा!! वनांचल क्षेत्र साल्हेवारा में आज दिनांक 29 जनवरी की मध्यरात्रि 2 बजे से मूसलाधार बारिश चालू हो गयी लगभग 2 घण्टे हुई बारिश से धान खरीदी केंद्रों में अफरा तफरी मच गई धान खरीदी केंद्र साल्हेवारा,रामपुर,तेंदुभाटा में धान की सुरक्षा व् निगरानी में लगे कर्मचारियों में धान की सुरक्षा हेतु आनन फानन में स्वयं भीगते हुवे धान की सुरक्षा हेतु सुरक्षा कवच से सभी लगे ढेरों को सुरक्षा कवच में ढंकते रहे व् कर्मचारी स्वयं पूरी तरह से भीग चुके थे तेंदुभाटा धान खरीदी केंद्र प्रबन्धक सहदेव पटेल ने बताया कि हम सभी लोग धान की सुरक्षा हेतु बाहर ही सोते है शाम को ही कुछ अंदेशा हो गया था बादल को देखकर तो उसी समय अधिकतर धान के ढेर को ढंक दिया गया था रात में अचानक हुई बारिश से निगरानी कर कुछ बचे हुए ढेर को तुरन्त सभी कर्मचारियों जिसने तिजुराम धुर्वे, ईश्वर धुर्वे व् धान की सुरक्षा हेतु नवनियुक्त कर्मचारी चौकीदर आदि सब लगे रहे,सहदेव पटेल ने बताया कि बारिस रात में 1 बजे करीब चालू हुई थी अभी बारिस नही हो रही है जबकि साल्हेवारा में पुनः7 बजे से मूसलाधार बॉरिस द्रुत गति से पुनः अनवरत चालू है। रामपुर धान खरीदी केंद्र के प्रमुख संजय वर्मा, शिव पटेल ने बताया कि सभी आज जबसे धान खरीदी चालू है दिन रात सुरक्षा व् निगरानी में लगे रहते है जबसे धान खरीदी चालू है जीवनचर्या ही संपूर्ण रूप से बदल चुकी है घर परिवार से ढंग से मिले महीनों हो गए थोड़ा राहत महसूस कर रहे थे की चलो एक दो दिन और बचे है बाकी समय तो बढ़िया निकल चूका है अचानक बारिस ने भी हमारी परीक्षा ले ली अचानक पूरी फिल्म में खलनायक के रूप में प्रविष्ट हुई बारिश से भी हमने पूरी सुरक्षा के साथ भीगने से बचाया व् रात भर अफरातफरी मची रही। साल्हेवारा जो की इस क्षेत्र का सबसे बड़ा धान खरीदी केंद्र है के प्रमुख चालेश्वर यादव ने बताया कि दिन रात एक हो गया धान खरीदी करते थोड़ा राहत महसूस कर ही रहे थे दिल में ख़ुशी महसूस हो रही थी की चलो 1,2 दिन और बचे है अचानक बारिस ने पूरी रात अफरातफरी मचवा दी इसकी भी कठिन परीक्षा से जूझना पड़ गया सब कुछ सुरक्षित है सभी सोसायटियो में धान परिवहन की गति बढ़ना चाहिए धान के उठाव की गति तीव्र होकर सुरक्षित गोदामो में पहुंच जाना चाहिए ताकि राहत महसूस हो। साल्हेवारा में इन दिनों उत्सव मेला की धूम है सारे दुकानदार व् मेला वालो ने अपने अपने सामान की सुरक्षा व् सुरक्षित स्थान खोजने में पूरी रात सुरक्षित स्थान ढूंढने में गुजारी। बिजली विभाग भी ऐसे समय में साथ छोड़ देता है जिससे परेशानी दुगुनी हो जाती है थोड़ा भी आंधी तूफ़ान वारिस हुई तो सबसे पहले बिजली विभाग ही साथ छोड़ता है जिससे लोग लाचार बेबस होकर टार्च,चिमनी लालटेन व् अन्य प्रकाश की व्यवस्था में लगे रहकर बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने में लगे रहे। कुल मिलाकर अचानक हुई इस मूसलाधार, तांडवी बारिस ने अंचल के लोगो में आधीरात से अफरा तफरी मचवा दी।