संजय वर्मा/नवादा!! मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव व पोलित ब्यूरो के सदस्य पूर्व विधायक गणेश शंकर विद्यार्थी का निधन हो गया है। सोमवार की देर रात बिहार की राजधानी पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे बिहार के नवादा जिले के रजौली के रहने वाले थे। उनके निधन की खबर देर रात में ही उनके शुभचिंतकों और उनके स्वजनों को रजौली में मिल गई थी। इसके बाद सभी लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए जुटने लगे। सुबह तक उनका पार्थिक शरीर रजौली नहीं आया था। उनका अंतिम संस्कार पटना में होगा या रजौली में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। 97 वर्ष की उम्र में भी मदद को रहते थे तत्पर गणेश शंकर विद्यार्थी 97 वर्ष की उम्र में भी लोगों के लिए सेवा भावना से काम करने को तत्पर रहते थे। कोई भी व्यक्ति उनके दरवाजे पर अगर पहुंचता था तो वे मना नहीं करते थे। लाठी के सहारे पर चलते हुए वह किसी बाबू के ऑफिस में पहुंच जाते थे और उनके साथ गए लोग बाबू के ऑफिस में उनका आदर और सम्मान देखकर गदगद हो जाते थे। काम हो या ना हो, लेकिन उनको जो सम्मान पूरे बिहार में मिलता था, इससे सभी लोग संतुष्ट रहते थे।