अमन वर्मा/खरगोन!! कुंदा में गंदगी हटाने के लिए ठंड में उतरे समाजसेवी, शहर के लगभग 500 लोग शामिल हुए, 5 डंपर व 2 ट्रैक्टर जलकुंभी हटाई, कुंदा की 2015 के बाद पहली बार ठंड में सफाई के लिए अभियान शुरू हुआ। रविवार को सुबह 7.30 बजे से 500 से ज्यादा लोगों गणगौर घाट क्षेत्र में श्रमदान किया। इसमें अफसर, जनप्रतिनिधि व सामाजिक संस्था प्रतिनिधि शामिल हुए। 5 डंपर व 2 ट्रैक्टर जलकुंभी हटाई गई। जनहितैषी पर्यावरण समिति संयोजक डॉ पुष्पा पटेल ने कहा कि कुंदा किनारे सौंदर्यीकरण भी जरूरी है। इसके लिए सुगंधित पौधे लगाए जा सकते हैं। सफाई अभियान में सांसद गजेंद्र पटेल भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कुंदा की पूरी सफाई के लिए गहरीकरण की जरूरत है। इसके लिए योजना बनाकर काम किया जाएगा। जब तक स्टापडेम के गेट नहीं खोले जाते हैं, गाद निकालने में मुश्किल आएगी। नगरपालिका की सफाई टीम भी अभियान में शामिल हुई। सांसद का कहना है – गहरीकरण की जरूरत है इसलिए मैली कुंदा शहर के दूसरे छोर उमरखली रोड क्षेत्र में रहवासी क्षेत्र व ईंट-भट्टों का गंदा पानी मिल रहा है। पहाड़सिंहपुरा क्षेत्र का पानी नालियों से होकर पहुंचता है। इसके अलावा गणगौर विसर्जन तट से होकर गंदा पानी नदी में मिल रहा। सीवरेज लाइन का काम धीमा होने से गंदा पानी अभी भी मिल रहा है कुंदा में पहली बार इतनी ठंड म3 सफाई पहली बार जनवरी में अभियान की शुरुआत हुई। दिसंबर 2014 में कलेक्टर नीरज दुबे के नेतृत्व में कालिका मंदिर व गणेश मंदिर क्षेत्र में सफाई अभियान तीन दिन चला। दिसंबर 2015 में नपा ने डंपरों व जेसीबी से तीन दिन गंदगी साफ की। दिसंबर में 2 सामाजिक संगठनों सफाई की। 25 मई 2016 को आमजन के साथ सफाई अभियान शुरू किया। cmo प्रियंका पटेल का कहना है प्रियंका पटेल ने कहा कि यह जागरूकता के लिए अभियान है। श्रमदान के साथ यह देखना चाहिए कि क्या फेंका गया है। यह नदी व पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। सात दिनों तक सफाई अभियान के साथ ही अलग-अलग गतिविधियां चलेंगी।