मुकेश गुप्ता/दिल्ली!! दिल्ली ट्रैफिक पुलिस आए दिन किसी न किसी विवाद में घिरी रहती है आज भी कुछ ऐसा ही हुआ दिल्ली हिंदू राव हॉस्पिटल के पीछे एक पहाड़ी रास्ता है जिसको कि अब काफी समय से वनवे कर दिया गया है पर वहां पर जो नोटिस बोर्ड लगा हुआ है कभी पेड़ की वजह से छुप जाता है तो कभी जानवरों की वजह से गिर जाता है जिससे कि वहां पर निकलने वाले लोगों से अनदेखी में वह रूल ब्रेक हो जाता है ट्रैफिक पुलिस को जहां पर खड़ा होना चाहिए वह लोग वहां पर नहीं खड़े होते और 1 किलोमीटर आगे छुप के पेड़ के पीछे खड़े होते हैं छुप के खड़े होना और एकदम से निकल कर आ जाना किसी अनहोनी घटना को भी अंजाम दे सकता है लेकिन इन लोगों को सिर्फ अपना चालान काटने से मतलब होता है कहने को तो करोना चल रहा है और लोगों के पास पैसे नहीं है आमदनी नहीं है काम धंधा नहीं है लेकिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अपनी वसूली करती जा रही है और करती जा रही है उसको किसी की भी दिक्कत और परेशानी से कोई लेना देना नहीं है मैं नागरिक के साथ ऐसा करते हैं जैसे कि कोई आतंकवादी बॉर्डर क्रॉस करके घुस रहे है ट्रैफिक पुलिस को अपना बर्ताव सुधारना चाहिए और जनता और अपने बीच की दूरियों को समाप्त करना चाहिए।