मुकर्रम/गंगोह!! गंगोह विधानसभा प्रभारी एवं वरिष्ठ सपा नेता चौधरी इंद्रसेन ने झाड़ वन स्थित फार्म हाउस पर कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से किसानों के ऊपर बर्बरता पूर्वक अत्याचार किया जा रहा है किसानों की मांगों को सुनने की बजाय उनके ऊपर सर्दी में भी पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं उससे यह साबित होता है कि यह सरकार देश की 60 परसेंट आबादी के साथ धोखा करने का काम कर रही है चंद उद्योग पतियों की कठपुतली बन चुकी है सरकार उनके हितों के लिए नए नए अध्यादेश लाकर किसानी खेती मजदूरी को खत्म करने की पर तुली हुई है जिस प्रकार से किसान और उनके ही पुत्र जवानों को आपस में भिड़ने की साजिश सरकार ने की है उससे यह प्रतीत हो रहा है कि यह सरकार आने वाले समय में किसानों को नेस्तनाबूद कर देगी जहां आज किसान अपनी मांगो के लेकर सड़को पर हैं कि हमें एमएसपी की गारंटी, एमएसपी के लिए कानून बने, उससे नीचे खरीद पर सजा का प्रावधान हो केवल इस लाइन को जोड़ने पर सरकार क्यों परेशान हैं यह सत्ता के लोग जो आज उद्योगपतियों की कठपुतली बन चुके हैं उद्योगपति किसानों से मनमाने दामों पर उनकी फसलों को खरीदेंगे और फिर होल्ड करके बाजार में 4 गुना 5 गुना रेट पर बेचेंगे जिससे आने वाले समय में महंगाई तो बढ़ेगी ही साथ ही सामाजिक खाई भी बढ़ेगी, वर्तमान समय मे जिस प्रकार से फसल में लागत मूल्य डीजल की दवाइयां खाद बीज की मूल्य में वृद्धि हो रही है खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है अगर यही सिलसिला चलता रहा तो 1 दिन से मुंह मोड़कर मजदूरी करने का काम करेंगे अगर आज के हिसाब से देखा जाए और न्यूनतम मजदूरी भी प्रति किसान की जोड़कर उनकी लागत को जोड़कर किसान की फसल का मूल्य तय किया जाए तो गेहूं का रेट कम से कम 2700 और धान का रेट कम से कम 3500 गन्ने का रेट साढे 500 रुपए होना चाहिए लेकिन मूल्य का पुनर्निधारण तो बहुत दूर की बात है सरकार की एमएसपी तक कि गारंटी नहीं दे रही है चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों के साथ है आने वाले समय में हम यदि इसी प्रकार से चलता रहा तो आंदोलन करने के लिए भी मजबूर होंगे। इस अवसर पर अरविन्द चौधरी जिला पंचायत सदस्य, राजेश शर्मा विधानसभा अध्यक्ष, जीशान एडवोकेट, इरफ़ान अलीम, रन्धोल प्रधान, मुस्तफा, राशिद जंग, डाक्टर सुभाष, सददाम, शौकीन चौधरी, आदि मौजूद रहे।