महारोज अहमद/जौनपुर!! जौनपुर जिले के सिरकोनी विकास क्षेत्र के कजगांव में सरदार सेना सामाजिक संगठन के जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल के नेतृत्व में आरक्षण दिवस शाहू महाराज भागीदारी संकल्प मार्च के तहत आरक्षण दिवस मनाया गया इस दौरान जिलाध्यक्ष ने शाहू महाराज के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया तथा उनके द्वारा किया गया तमाम सामाजिक कार्य पर भी चर्चा किया गया तथा उन्होंने कहा कि शाहूजी महाराज समग्र सामाजिक क्रांति के अग्रदूत बहुजन प्रति पालक राजा के रूप में जाने जाते थे वह ऐसे समय में राजा बने थे कि जब बहुजनों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता था साहू जी महाराज उस समय संघर्ष करते हुए ऐसे बहुजन प्रति पालक राजा साबित हुए जिन्होंने दलित और शोषित वर्ग के दुःख दर्द को बहुत करीब से समझा और उनसे निकटता बनाकर उनके मान-सम्मान को ऊपर उठाया अपने राज्य की छुआ-छूत की व्यवस्था को खत्म करने के लिए देश में पहली बार पिछड़ों के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू की शोषित वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा की गरीब छात्रों के लिए छात्रा वास स्थापित किये शाहूजी महाराज ने अपने शासन काल में बाल विवाह पर ईमानदारी पूर्ण से पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया शाहूजी महाराज ने जातिवादी व्यवस्था को तोड़ने के लिए अन्तर जाति विवाह और विधवा पुनर्विवाह कराये साहू महाराज क्रान्ति ज्योतिबा फुले से प्रभावित थे और लम्बे समय तक सत्य शोधक समाज के संरक्षक भी रहे साहू महाराज अपने दलित सेवक गंगाराम कांबले से चाय की दुकान खुलवाये वे वहाँ खुद चाय पीने लगे पिछली सदी के शुरुआती वर्षों में यह कोई मामूली बात नहीं थी उन्होंने कांबले से पूछा तुमने अपनी दुकान के बोर्ड पर अपना नाम क्यों नहीं लिखा है कांबले की दुकान पर महाराजा के चाय पीने की खबर कोल्हापुर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई इस अद्भुत घटना को अपनी आंखों से देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे तदोपरांत छुआ-छूत जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में लोगों का सहयोग मिलने लगा उन्होंने दलित और पिछड़ी जाति के लोगों के लिए सैकड़ों विद्यालय खोलें और छात्रावास बनाये जिससे वंचितों में शिक्षा का प्रसार हुआ और सामाजिक स्थिति बदलने लगी परन्तु कुछ लोगों ने इसका विरोध किया वे शाहू जी महाराज को अपना शत्रु समझने लगे! साहू महाराज ने अपने राज कोल्हापुर में 26 जुलाई 1902 को गैर बराबरी को दूर करने के लिए देश में पहली बार अपने राज्य में आरक्षण व्यवस्था लागू की इस आदेश जारी कर कोल्हापुर के अन्तर्गत शासन-प्रशासन के पदों पर 50% पिछड़ी जातियों हेतु आरक्षित कर दिये! साहू महाराज ने सिर्फ यही नहीं बल्कि पिछड़ी जातियों समेत समाज के सभी वर्गों के लिए अलग-अलग सैकड़ों सरकारी शिक्षण संस्थान खोलने की पहल की यह अनूठी पहल थी उन जातियों को शिक्षित करने के लिए जो सदियों से उपेक्षित थी इससे पहले में दलित- पिछड़ी जातियों के बच्चों की शिक्षा के लिए खास प्रयास किये गये थे वंचित और गरीब के घरों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई शाहू महाराज के प्रयासों का परिणाम उनके शासन में ही देखने लगा गया था डॉक्टर अंबेडकर को उच्च शिक्षा के दौरान आर्थिक संकट इस कदर हुई कि वे पढ़ाई के बीच में ही छोड़ कर नौकरी तलाश में पड़ गये इसी बीच शाहूजी महाराज को मालूम पड़ा कि अंबेडकर आगे पढ़ाई नहीं कर पाएंगे यहां तक कि उनके पास भी विदेश से इंडिया आने के लिए भी पैसे नहीं थे ऐसी विकट परिस्थिति में शाहू महाराज ने पूर्ण रूप से आर्थिक सहयोग किया केवल पीएचडी की उपाधि के लिए ही नहीं दुनिया में तमाम डिग्री के लिए शाहू महाराज द्वारा उन्हें प्रेरित करके पूरी आर्थिक व्यवस्था की जिम्मेदारी लेते हुए आगे बढ़ाया गया इतना ही नहीं डॉक्टर अंबेडकर के अनुपस्थिति में उनके परिवार का भी पूर्णतया आर्थिक सहयोग किया गया अंबेडकर को डॉक्टर अंबेडकर मूलनायक बनने में एक मात्र बहुजन प्रतिपालक छत्रपति शाहू महाराज का ही बड़ा योगदान रहा! इस कार्यक्रम के दौरान मांग किया कि 26 जुलाई को आरक्षण दिवस के रूप में घोषित किया जाय इस दौरान धीरज यादव(पुल्लूर)सतेन्द्र यादव(बाबा) वृजेन्द्र कुमार पटेल, रोहित विश्वकर्मा, मुन्ना लाल, श्याम सुन्दर, अनील पटेल, उदय प्रताप मौर्या, विपिन पटेल, विकास पटेल, राहूल यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
