स्नेहा महाराणा/पुरी!! रथ यात्रा के व्यवस्थापक क्रिसन कुमार के लिए एक चुनौती थी. हालांकि,क्रिसन कुमार ने अपनी सफलता हासिल करने के साथ युगों से चल रही रथयात्रा को यादगार बना दिया. इसलिए इस वर्ष के तीनों रथों को बिना तोड़े रखने का निर्णय लिया गया है प्रशासन की और से. तीन रथों, नंदीघोष, तालध्वज और दर्पदलन रथों को जगन्नाथ बल्लभ के परिसर में रखने का निर्णय लिया गया है.श्रीमंदिर व्यवस्थापक क्रिसन कुमार ने मीडिया को सुचना दिया कि यह निर्णय बिश्कर्मा और भोई सेवायत के परामर्श से लिया गया है. तीनों रथों को सिंहद्वार से जगन्नाथ बल्लभ क्षेत्र में लेने का आदेश दिया गया था.
इस साल की रथयात्रा करोना के नियमों के अनिश्चितता के बीच था. स्थिति ऐसी थी कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था लेकिन प्रारंभिक फैसले में, अदालत ने रथयात्रा को बंद का आदेश दिया था, लेकिन लाखों उड़िया और जगन्नाथ प्रेमी इस पर विश्वास नहीं कर सके. पुनर्विचार के लिए अदालत में कई याचिकाएं दायर की गई, और रथ यत्रा के दो दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बहुत कम लोगों को लेकर और करोना के नियमों को नज़र में रखते हुए रथयात्रा आयोजित करने की अनुमति दी थी.रथ निर्माण 11 दिन देरी से शुरू हुआ, लेकिन रथ का निर्माण समय पर पूरा हुआ.अंत में, सेवायत और भक्तों के एक समूह द्वारा रथ यात्रा सम्पर्ण किया गया था.
