संजय वर्मा/हिसुआ!! प्रखंड के सिंघौली गाॅव में नल-जल योजना में अभिकर्ता द्वारा अनियमितता बरते जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है । ग्रामीण मनोज कुमार, मोसाफिर कुशवाहा, अनिल चौधरी, प्रयाग चौधरी सहित दर्जन भर ग्रामीणों ने बताया कि 21 लाख रूपये की लागत से नल-जल योजना में अभिकर्ता द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किए जाने से ग्रामीणों के बीच आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि अभिकर्ता अविनाश कुमार द्वारा 320 फीट बोरिंग तो किया लेकिन केसिंग मात्र 55 फीट डाला गया है। 55 फीट बोरिंग डालने से बरसात के दिनों में तो काम चल जायेगा लेकिन गर्मी के दिनों में जब जलस्तर में गिरावट आयेगा तो योजना शोभा की वस्तु बनकर रह जायेगा। ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ सरकार सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भी स्वच्छ एवं निर्मल जल पिलाने के लिए प्रत्येक पंचायत के प्रत्येक वार्ड में नल-जल योजना की शुरूआत किया है लेकिन अभिकर्ता द्वारा ठीक ढंग से काम नहीं किये जाने से नल-जल योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
क्या कहते हैं ग्रामीण –
1- अभिकर्ता द्वारा केसिंग मात्र 55 फीट डाले जाने से गर्मी के दिनों में योजना गाॅव की शोभा की वस्तु बनकर रह जायेगी।
सिध्देश्वर महतो, ग्रामीन सिंघौली
2- सिंघौली में नल-जल योजना की शुरूआत होने पर लोगों के बीच आशा की किरण दिखलाई पड़ता था कि ग्रामीण को पेयजल समस्या से छुटकारा मिल जायेगा लेकिन अभिकर्ता ने ग्रामीणों की आशा पर पानी फेर दिया। अनिल चौधरी , ग्रामीण सिंघौली
3- अभिकर्ता एवं पदाधिकारी की मिली भगत से एक भी सरकारी योजना सही मायने में धरातल पर नहीं उतर पाया है। यही हाल यहाॅ लग रहे नल-जल योजना का होने वाला है।
