संतोष कुमार/पश्चिम चंपारण!! दोन में चारो तरफ से जंगल के बीच में स्थित कई गांव है। बरसात के मौसम में जो पानी जंगल से निकलता है छोटे छोटे नदियों मै बदल कर बड़ी नदियों में मिल जाता है। ये नदी गांवों के बीच में गुजरता है। जिससे गांव से गांव का संपर्क टूट जाता है। इसके लिए छोटे छोटे पुल का निर्माण कराया जाता है। पुल इतना मजबूत होता है कि पानी का जब तेज बहाव आता है तो पुल टूट कर बह जाता है। यही हाल गोबरहिया दोन और मदराहवा के बीच में पुल बना था जो पहली बारिश में ही टूट गया। विभाग के लोग जब ठेकेदारों पर मेहरबान रहेंगे तो पुल इसी तरह के बनते रहेंगे। दिल्ली क्राइम प्रेस के तरफ से पथ निर्माण विभाग से निवेदन करता है कि स्थाई तथा मजबूत पुल का निर्माण कराया जाए ताकि बरसात में न टूटे जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
