मधुबनी जिला के फुलपरास प्रखण्ड के सिसवार अस्पताल की पुनर्निर्माण को लेकर चलाये जा रहे आभियान में अब एक नया मोर आता दिखाई दे रहा है। 1925 मे निर्मित यह राज्यकिय अस्पताल अब खण्डहर में तब्दील हो चुका है और इसकी पुनर्निर्माण को लेकर यहाँ के ग्रामीणों व प्रवासी ग्रामीणों द्वारा जोरदार तरीके से चलाये जा रहे अभियान का रंग अब दिखने ही लगा था कि यहाँ के क्षेत्रीय सासंद श्री रामप्रीत मंडल की कपटी चाल ने सातों पंचायत सहित यहाँ से जूरे सभी जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने की तैयारी की मंशा जाहीर कर दी। हाल के दिनो में सासंद के पिताजी के देहान्त को लेकर सांत्वना देने पहुँचे अमित कुमार, जिला पदाधिकारी मधुबनी, अनुमंडल पदाधिकारी के साथ फुलपरास के कई वरीय पदाधिकारी रविवार को उनके आवास पर पहुँचने पर उनके साथ सासंद महोदय ने सिसवार अस्पतात से मात्र चार मिल दूर अपने आवास के पास एक नये पचास बेड बाला आयुष अस्पताल की स्थापना हेतु अपनी चेष्टा को बल देने के उदेश्य से सभी गण्यमान अधिकारियों के साथ चिन्हित भूमि का स्थल निरीक्षण हेतू अपने आवास के आसपास भूमि तलाशने मे जूट गये। यह सूचना पाकर सिसवार अस्पताल के पुनर्निमाण अभियान से जूरे सभी ग्रामीणों मे सासंद के प्रति काफ़ी आक्रोश व्याप्त है। इन सबका कहना है कि जब सासंद महोदय सिसवार अस्पताल के पुनर्निमाण के लिए ग्रामीणों को पुर्णरूप से साहायता के साथ सासंद कोष से भी मदद करने के लिये पहले ही आश्वासन दे चुके हैं तथा बिहार स्वास्थ्य बिभाग को भी पत्र लिख कर जल्द से जल्द कारवाई करने का अनुरोध कर चुके थे। अब सिसवार अस्पताल से मात्र चार मिल दूर अपने आवास के पास पचास बेड का अस्पताल निर्माण कराने का मंशा जाहीर कर सिसवार अस्पताल के पुनर्निमाण में बाधा डालने के बराबर है और यह कभी संभव नहीं हो पायेगा ꫰ साथ ही कहा की जहाँ पहले से जरूरत से ज्यादा जमीन के साथ राज्यकिय अस्पताल था वहाँ क्यों नही बनाया जा सकता है सांसद के गाँव मे ही क्यों, यह अस्पताल एक बात फिर राजनीतिक शिकारीयों के निशाने पर क्यों। वहीं सिसवार अस्पताल का निर्माण सांसद अपने निजी कोष से करवा रहे थे जिसके लिए संसद के पास फण्ड नही था और है और अब अपने गाँव का ही विकाश अपने निजी कोष से करने में लग गए, नेताजी का अपना विकाश और अपने गांव का विकाश ही करना था तो गुमराह क्यों किया। हमारे सहयोगी संवादाता से वात करते हूए अभियान से जूरे युवा शक्ति के कार्यकर्ता, ग्रामीण व प्रवासी ग्रामिणों ने सामूहिक रूप से सोनू झा, हरी शंकर झा, गोविन्द झा, मुकेश झा, ईं. रंजीत जायसवाल, आनन्द मोहन झा, शंकर झा, पशुपति नाथ झा, मुकुंद झा, सुबोध झा , सतीश गुप्ता, अंसारुल, प्रजेश कुमार, शैलेश झा, पशुपति ठाकुर आदि ने कहा की सिसवार अस्पताल के पुनर्निमाण में बाधा डालने बाले लोग सम्भल जाये नही तो परिणाम बहुत बूरा होगा साथ ही कहा की जल्द ही हम सब मिलकर बहुत बरी आन्दोलन करने की तैयारी में है और इन सबका जिम्मेबार यहाँ के प्रतिनिधि सासंद महोदय के सर होगा।