हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
- हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्ष्ण छाती के बीच में तेज और दबाव वाला दर्द होना है, जो कि शरीर के बायीं ओर होता है, ख़ासतौर से बायें हाथ, कमर और दो कंधों के बीच में इसका दर्द होता है. यही नहीं, कई बार दर्द ठोड़ी (चिन) और जबड़े तक में आ जाता है.
- व्यक्ति को बहुत ज़्यादा पसीना आने लगता है. इस स्थिति को मेडिकल में डाइफरीसिस (पसीना) के रूप में जाना जाता है. नर्वस सिस्टम के ज़्यादा एक्टिव होने के कारण पसीना आता है. जब व्यक्ति तेज़ दर्द का अनुभव करता है, तो कुछ हार्मोन्स निकलते हैं, ब्लड प्रेशर और हृदय दर ऊपर चली जाती है और इससे पसीना आता है.
- डायबिटीज़ पीड़ित मामलों में तेज़ दर्द की बजाय पसीना आना, दिमाग का हल्का लगना और कुछ सेकेंड के लिए अंधेरा छा जाना आदि ज़्यादा सामान्य लक्ष्ण हैं.
- सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और चेतना-समझ खो देना आदि कुछ अन्य लक्षण हैं.
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और जलन से बैचेनी होती है, जिससे व्यक्ति कई बार एसिडिटी और दिल में चुभन के साथ कंफ्यूज हो जाता है.
- उबकाई की तेज फीलिंग भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हैं, जिसमें व्यक्ति गैस और पाचन की परेशानी में कंफ्यूज हो जाता है.
- थकान, पीलापन, चिंता आदि कुछ अन्य चिन्ह हैं.
हार्ट अटैक आने पर आप क्या करें
- हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करना चाहिए, क्योंकि कई बार व्यक्ति अपने ही तरीकों से इससे निपटने की कोशिश करता है, जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है.
- व्यक्ति को सीधा लेटने के लिए कहें और उसके कपड़ों को ढीला कर दें.
- हवा आने की जगह छोड़ दें और व्यक्ति को कुछ लंबे सांस लेने के लिए कहें.
- डॉ. अशोक गुप्ता के अनुसार, पल्स चेक करें. कलाई की पल्स चेक करने से अच्छा है, गर्दन की साइड की पल्स चेक करें. जब ब्लड प्रेशर कम होता है तो कलाई की पल्स गायब हो सकती है, इसलिए गर्दन की पल्स चेक करना सही रहता है.
- अगर व्यक्ति को सांस नहीं आ रही, तो उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश करें.
- अगर पीड़ित को उबकाई आ रही है, तो उसे एक तरफ मुड़कर उल्टी करने को बोलें, ताकि शरीर के अन्य भागों जैसे लंग्स आदि में न जा सके.
- पीड़ित के दोनों पैरों को उठा दें, ताकि हृदय तक ब्लड सप्लाई को सही किया जा सके.
- अगर व्यक्ति बेहोशी की हालत में है तो कार्डियोपलमिनरी रिसीसटैशन (सीपीआर) करें, अगर आप सीपीआर नहीं जानते, तो आप फिर भी पीड़ित की मदद कर सकते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन इसका आसान वर्ज़न करने की सलाह देता है, जिसे हाथ से किया जाता है. जैसा कि नीचे दिए गए वीडियो में दर्शाया गया है.
हार्ट अटैक आने पर क्या न करें
- दिल की धड़कन जाने बिना थम्पिंग और पंपिग (दबाव और जबरदस्ती) करने से परहेज करना चाहिए.
- पीड़ित को ऐसे में कुछ खिलाने की कोशिश न करें. एस्प्रिन ब्लड क्लॉट रोकने में मदद करती है कई डॉ. सलाह देते हैं कि एस्प्रिन सभी लोगों के लिए नहीं है. इसे इस्तेमाल करने के कुछ सुझाव हैं. यह तब मदद कर सकती है, जब इसकी जरूरत हो लेकिन अगर डॉक्टर की बिना सलाह लिए इसे दिया जाए, तो यह बहुत हानिकारक हो सकती है.
- यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि बहुत-सी जान बचाने वाली दवाएं हार्ट अटैक से निपटने में मदद करती हैं, लेकिन उन्हें पहले लक्षण दिखने के एक से दो घंटे के बीच ले लिया जाए इसलिए कई स्थिति में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है.
- शुरुआती लक्षण पहचान कर उस पर काबू पा लेना कई जान बचाने में मदद कर सकता है.