विशाल शर्मा,सिरसा/हरियाणा!! अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदाता क्या निर्णय देगें और किस राजनीतिक पार्टी की क्या स्थिति रहेगी यह सवाल तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन सट्टा बाजार 57 सीटों पर ही भाजपा की जीत मानकर दाव खेला जा रहा है। सट्टा बाजारों टिकट वितरण और शिरोमणी अकाली दल से संभावित तालमेल पर भी नजरें टिकाये हुए है। संसदीय क्षेत्र सिरसा से पहली बार जीत से उत्साहित भाजपा के सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा टिकट प्राप्त करने के दावेदारों का आंकडा 75 पार कर चुका है और भी बढ सकता है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि टिकट वितरण में भाजपा चूक कर गई,तो राजनीतिक दृश्य बदल सकता है। वर्तमान में इस संसदीय क्षेत्र के नौ में से आठ विधानसभा क्षेत्रों में इनैलों के विधायक है,जबकि भाजपा का एकमात्र विधायक सुभाष बराला है,जो टोहाना विधानसभा क्षेत्र से विजयी हुए हैं। कांग्रेस के आपसी कलह और इनैलों में बिखराव का राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा का इनैलों तथा कांग्रेसी दिग्गजों पर डोरे डाल अभियान तेजी पकड रहा है। सट्टा बाजार में टिकट वितरण और टिकट से वंचित रहने वालों के बगावती स्वर गूँजने पर गंभीरता से मंथन उपरांत दाव लगाये जा रहे हैं। भाजपाई दिग्गज स्वीकार करते है कि भाजपा कुनबा तो बढा रही है,मगर दलबदलूओं को तवज्जो देना भाजपा पर भारी पड सकता हैं। हिचकोले खा रही हरियाणवी कांग्रेस का फोक्स टिकट से वंचित रहने वाले भाजपाईयों पर बना हुआ है। वर्तमान में सट्टा बाजार भाजपा की दूसरी पारी में 57 सीटों पर जीत मानकर सट्टेबाजी कर रहा है,जबकि कांग्रेस को प्रमुख विपक्षी दल दिखा रहा है। सट्टा बाजार में भाजपा के अतिरिक्त किसी भी राजनीतिक दल का कोई भाव नहीं चल रहा।