सौरभ त्यागी/बिजनौर!! शेरकोट। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से खो नदी में आए उफान से उपजाऊ भूमि व सड़क का कटान जारी है। हालांकि खो नदी में पानी का जलस्तर कुछ कम हुआ है। लेकिन गांववासियों की परेशानी निरंतर बढ़ती जा रही है। मार्ग ध्वस्त होने से गांववासियों को खेतों के रास्ते होकर गंतव्य को जाना पड़ रहा है। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर सिंचाई व लोनिवि के अधिकारियों को विशेष सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए। रविवार तक खो नदी के तेज पानी ने लगभग 25 मीटर चौड़ी एवं 150 मीटर लंबी भूमि का कटान कर दिया। लगातार पानी के तेज बहाव से कोपा शेरकोट मार्ग खो नदी में बह गया। अब नदी का पानी नदी का कटान कर किसानों के खेतों की तरफ रूख कर गया। लोनिवि ने किसानों की भूमि का कटान होते देख आनन फानन में यूकेलिप्टिस के पेड़ डलवाकर कटान रोकने का प्रयास किया। लेकिन पेड़ डालने से पानी ने अपना रास्ता नहीं बदला। पानी उसी रफ्तार से दिनभर किसानों की भूमि का कटान करता रहा। गांववासियों आरोप है कि शासन प्रशासन समय रहते सुन लेता तो इतनी भयावह स्थिति पैदा नहीं होती। किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि का हो गया। जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया। वहीं ग्राम प्रधान हरज्ञान ने बताया की यदि पानी बढ़ता है तो नंदगांव को जनहानि एव आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण रातों को जाग रहे हैं। बीमार मरीजों को इलाज के लिए ले जाने में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। गांववासियों का कहना है कि एसडीएम धीरेंद्र सिंह ने रविवार को मौके का दौरा तो किया। लेकिन गांववासियों की राहत के लिए ठोस कदम नहीं उठाएं। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों दिशा निर्देश ही दिए। ऐसे में गांववासियों को खेतों से होकर गुजरना पड़ रहा है। खेतों से गुजरने से किसानों की फसल नष्ट हो रही है। उधर एसडीएम धीरेंद्र सिंह का कहना है कि लोनिवि व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को खेतों का कटान रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को निर्देशित किया गया है। पानी कम होते ही कार्य शुरू हो जाएगा।