शिवम शर्मा/शाहजहांपुर!! कड़ाके की सर्दी और शीत लहर के चलते आमजन की सवेरे लिहाफ से निकलने की हिम्मत नहीं थी। वहीं दूसरी तरफ परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले स्काउट-गाइड के बच्चों को सुबह रैली के लिए बुला लिया गया। यह बच्चे है, जरा सी सर्दी में बीमार हो जाते हैं। फिर भी किसी ने परवाह नहीं की। ढाई घंटे तक बच्चे सर्दी से कांपते रहे। खास बात यह थी कि विभाग के अधिकारियों ने भी छात्र-छात्राओं को लाने की अनुमति दे दी। बच्चे सर्दी से जूझते रहे, वहीं नेता गांधी भवन के अंदर भाषण देते रहे। सोमवार को स्वच्छता मेगा रैली का आयोजन किया गया था। लिहाजा, जिला स्काउट मास्टर दपिंदर कौर और जिला गाइड कैप्टन निकहत परवीन के साथ सुबह आठ बजे ही बच्चे गांधी भवन पहुंच गए। शीतलहर की छुट्टी होने के बावजूद बच्चो को वित्त मंत्री के आगमन पर बैंड बजाने के लिए बुलाया था। अब सुनिए बच्चों की कहानी। जहां अधिकारी और नेता गर्म कपड़ों में थे। वहीं इन छात्र-छात्राओं के शरीर पर स्कूल से मिली यूनीफार्म, विभाग से प्राप्त दोयम दर्जें का स्वेटर था। यह बच्चे सर्दी से कंपकपा रहे थे। सर्दी के चलते दांत कटकटा रहे थे। हाथ मानो ठंडे पड़े जा रहे थे। जिस जूते में उनका पैर था। वह बर्फ सा हो गया था। मगर, डीएम, एसपी और विभाग से जुड़े अफसरों ने उनकी सुध नहीं ली। तमाम नेता भी सर्दी से परेशान इन बच्चों को देखते हुए चले गए। अधिकारियों और नेताओं को इन बच्चों की चिंता नहीं थी। बल्कि, रैली में कोई कमी नहीं रह जाए, यह टेंशन थी। सुबह आठ बजे से आए बच्चों को रिहर्सल कराया गया। उसके बाद करीब साढ़े 11 बजे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना आए। सर्दी से जूझते हुए बच्चों ने बैंड बजाकर उनका स्वागत किया। अधिकारी और नेता गांधी भवन के अंदर आराम से भाषण देते रहे। वहीं बच्चे बरामदे में बैठकर सर्दी से जूझते रहे। बच्चों का काम यहीं पर खत्म नहीं हुआ। गोष्ठी खत्म होने के बाद कानों को चुभने वाली हवा और हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच बच्चों को आधे शहर का चक्कर लगवा दिया। करीब एक बजे बच्चों को उनके घरों को वापस किया गया। खास बात यह है कि अधिकारियों और नेताओं को खुश करने के लिए हर बार बच्चों को मोहरा बना दिया जाता है।