नई दिल्ली: बाग़ ,पश्चिम विहार पीतमपुरा रोहिणी जैसी पॉश कॉलोनियों से घिरा एक इलाका है रानी बाग़। ये 1960 के दशक में बसी कालोनी है। जो शकूर बस्ती के नाम से भी जानी जाती है। शकूर पुर गांव के आस पास खेती की जमीन थी जहाँ ये कालोनी काटी गयी। शकूर बस्ती में उत्तर भारत के सबसे बड़े रेलवे स्टोर की वजह से मशहूर है और साथ में आर्डिनेंस डिपो भी है। रानी बाग़ पहले ऋषि नगर ,मुल्तानी मोहल्ला, महेंद्रा पार्क ,राजापार्क,श्री नगर तक सीमित था लेकिन 1980 के दशक में आस पास में इसका विस्तार हुआ और राजधानी एन्क्लेव ,राज नगर ,महाराणा प्रताप एन्क्लेव,चंद्रलोक एन्क्लेव,लोकविहार ,हर्ष विहार ,सरस्वती विहार आदि कॉलोनियां अस्तित्व में आयी । किसी समय पथोपरा गांव के नाम से जाने वाला इलाका आज पीतमपुरा के नाम से जाना जाता है जो उत्तरी दिल्ली का पॉश इलाका माना जाता है। नेताजी सुभाष प्लेस,कोहाट एन्क्लेव ,सन्देश विहार आदि कालोनियों का विस्तार हुआ। 1985 में रिंग रोड पार रोहिणी का विस्तार हुआ जो आज एशिया की सबसे बड़ी कालोनी मानी जाती है। नेताजी सुभाष पैलेस तो आज उत्तरी दिल्ली का दूसरा नेहरू प्लेस बन चूका है पीतम पूरा, कोहाट एन्क्लेव नेता जी सुभाष पैलेस ,शिवाजी एन्क्लेव , शकूरपुर , पंजाबी बाग़ मेट्रो स्टेशन दो से तीन किलोमीटर के दायरे में है। शकूर बस्ती स्टेशन बिलकुल नजदीक है जहाँ से हरियाणा ,पंजाब राजस्थान के लिए ट्रैन चलती है। महाबीर हॉस्पिटल नजदीक है और साथ में केशव महाविद्यालय भी है। , वेस्ट एन्क्लेव से चलने वाली सभी बसें रानी बाग़ होकर जाती हैं। सुभाष पैलेस और कीर्ति नगर मेट्रो स्टेशन के लिए मेट्रो फीडर उपलब्ध।
रानी बाग़ मुख्य बाजार की रौनक देखते ही बनती है। यह बाजार करोल बाग़ मार्किट का मुकाबला करता है। हर चीज उपलब्ध है। एक से एक बड़े बड़े शोरूम हैं। त्योहारों के मौके पर बाजार की रौनक देखते ही बनती है। रोहिणी -पीतमपुरा और आस पास की कालोनियों के हाई प्रोफाइल लोग यहाँ खरीददारी के लिए आते हैं।
इतनी खूबियां होने के बावजूद भी यहाँ समस्याओं की भरमार है। रानी बाग़ मुख्य बाजार में भीड़ इतनी होती है कि वहां से पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है। स्कूटर बाइक इ रिक्शा और कार वालों की एंट्री पर बाजार में तुरंत बैन लगना चाहिए। यहाँ अतिक्रमण की विशेष समस्या है। हर दुकान के आगे थड़ी लगी हुई हैं जिनसे स्थायी दूकानदार मोटा किराया वसूलते हैं। सैनिक विहार रोड पर लगभग हर समय जाम लगा रहता है। संत नगर चौक पर इ रिक्शा वालों का जमावड़ा लगा रहता है जिनकी वजह से बाजार में जाना मुश्किल हो जाता है। कुछ वर्ष पहले गोल चक्कर पर फंवारे के नाम पर काफी जगह अधिग्रहित कर ली गयी जिससे वहां जाम लगा रहता है। इस लगभग एक किलोमीटर लम्बे बाजार में कही भी पुरुष या महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है। राम तीरथ मिशन के सामने एक छोटा सा पेशाबघर है जिसमें सिर्फ दो पॉट है और वहां लाइन लगानी पड़ती है। खरीददारी के लिए आयी महिलाओं को इस वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पार्किंग की भारी समस्या है। कोई ऐसी सड़क नहीं जो कारों से न पड़ी हो। कैप्टन सतीश मार्ग से लेकर जागृति अप्पार्टमेन्ट तक पूरी रोड, रानी बाग़ चौक से लेकर महेंद्रा पार्क चौक तक,संत नगर रोड , लालू भाई गुरुद्वारा रोड से सरस्वती विहार रोड , महेंद्रा पार्क चौक से फंवारा चौक, फंवारा चौक से लोकविहार तक हर जगह कारों का कब्ज़ा है। ये तो तब हॉल है जब संत नगर स्कुल और कमर्शियल काम्प्लेक्स में पार्किंग बनी हुई है।
रानी बाग़ में आवारा कुत्तों की बहुत बड़ी समस्या है। हर गली मोहल्ले में आपको आवारा कुत्ते मिल जायेंगे। आते जाते लोगों के पीछे पड़ जाते हैं। कइयों को काट चुके हैं। ओल्ड रेलवे रोड पर एक पेशाब घर बना हुआ है जिसकी कभी सफाई नहीं होती। न्यू रेलवे रोड के नजदीक मैन रोड पर लाखों रुपए खर्च करके एक शौचालय बना है जिसका अभी तक कोई उद्घाटन नहीं हुआ। ब्रितानियाँ चौक से लेकर रानी बाग़ तक हर बुधवार को साप्ताहिक बाजार लगता है। यहाँ जाम की समस्या बनी रहती है। रानी बाग़ चौक से लेकर ब्रिटानिया तक कोई पेशाब घर नहीं है। इस क्षेत्र में झील वाला पार्क और लोक विहार बड़े दो पार्क है। इनमें किसी में भी पेशाब घर न होने की वजह से पार्क में घूमने वाले लोगों को बड़ी परेशानी होती है खासकर महिलाओं को।
-दीपक शर्मा (गीता कालोनी) (BVC-942470)