सुल्तानपुर,कादीपुर: रिश्वत के दम लेखपाल, कानूनगो अथवा पुलिस की मिली भगत से उजड़ी गरीब की झोपड़ियां हुए बे घर ग्राम सभा मोहम्मदाबाद के निवासी रामबचन कनौजिया का परिवार अपने पूर्वजों के समय से गाटा संख्या 24 1239 में रहकर अपना व अपने परिवार का गुजारा कर रहा था।इसी बीच तारक नाथ उपाध्याय ,हीरालाल ,बद्री प्रसाद, अपनी दबंगई के बल पर अधिकारियों से मिलकर गरीब परिवार का घर उजाड़ने में कोई कोढ़ कसर नही छोड़े घटना में संलिप्त अधिकारियों का नाम इस प्रकार है कानूनगो शीतला सिंह ,लेखपाल देवनारायण मिश एवं कुछ पुलिस बल के साथ जेसीबी को लेकर गरीब व्यक्ति का निर्माण कार्य को जबरदस्ती रोक दिया एवं गरीब व्यक्तियों का छान छप्पर गिरा दिए इस विषय पर जिलाधिकारी को पीड़ितों ने प्रार्थना पत्र दिया जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम साहब कादीपुर के द्वारा जांच करवाने का आश्वासन दिए रामबचन ,संतोष कुमार शर्मा ,रामदेव ,दिनेश ,रामाशीष, रामप्रकाश, अरविंद कुमार ने लेखपाल कानूनगो के ऊपर रिश्वत लेकर मकान ढहाने का आरोप लगाया इसी के इससे पहले एक लेखपाल द्वारा पीड़ित को जान से मारने की धमकी व गाली गलौज के देने का शिकायत एस डी एम कादीपुर को दिया गया था।
जिसके पूर्व में एस डी एम मोतीलाल सिंह ने लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। गांव की महिलाओं का शिकायत है कि लेखपाल ने गाली गलौज किया और जान से मारने की धमकी दी है इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर कादीपुर थाना गए तो वहां से भी डांट कर भगा दिया गया। इस पर महिलाओं ने जिलाधिकारी से अपनी गुहार लगाई इस विषय पर जब हमारे कुछ मीडिया कर्मियों ने लेखपाल से पूछताछ किया तो लेखपाल ने अपना पल्ला झाड़ कर एसडीएम साहब के आदेश का हवाला दिया की साहब के कहने पर हम गए थे।
इस पर हैरानी की बात तो यह है कि अभी जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर महिला घर पहुंची नहीं थी कि उनका घर उजाड़ दिया गया यह है जबकि यस डी एम ने मौके पर जांच कर मामले का निस्तारण कर आख्या मांगी थी।घर उजाड़ने का आदेश नही किया था। ये है भ्रष्ट अधिकारी अब उच्य अधिकारियों द्वारा इनके खिलाफ क्या कार्यवाही होती है। यह भी सोचने योग्य हैं।
न्यूज़, दिल्ली क्राईम व भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा
(पत्रकार) अमित सिंह (पिंकू) के साथ अज़ीम अहमद खान कादीपुर सुल्तानपुर