मखान लाल कुशवाहा/ललितपुर!! प्रत्येक व्यक्ति एक वृक्ष लगाये तभी भविष्य में जीवन सम्भव है। दूसरी तरफ अभियान के इन्ही जिम्मेदारों की सह पर ही हरे वृक्षो का कटान धड़ल्ले से हो रहा है। समूचे देश मे वृक्ष बचाव के लिये अभियान चलाकर शासन-प्रशासन अपनी पूरी ताकत झोंके हुये हैं। प्रत्येक हफ्ते या पखवारे मे अधिकारी गोष्ठी कार्यशाला करके कर्मचारियों व आम नागरिकों को पानी बचाने के टिप्स देते नजर आते हैं। कहते हैं ‘जल ही जीवन है। वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ’। प्रत्येक व्यक्ति एक वृक्ष लगावे तभी भविष्य में जीवन सम्भव है। दूसरी तरफ अभियान के इन्ही जिम्मेदारों की सह पर ही हरे वृक्षो का कटान धड़ल्ले से हो रहा है। जनपद के मड़ावरा क्षेत्रीय वन कार्यलय में चार हरे बबूल के पेड़ों को बेरहमी से कटवा डाला। ताज्जुब की बात है कि कटान स्थल के आगे ही वन विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित है। इसके अलावा जानकारी के मुताबिक, आए दिन मड़ावरा क्षेत्र के सौंरई,मदनपुर क्षेत्र में वन विभाग के हरे वृक्षों पर वन विभाग के अधिकारियों ही सांठ-गांठ करके हरे पेड़ों की कटान तय कराते हैं। मोटी रकम लेकर कटान का निर्देश देते हैं। ये हाल महज मड़ावरा क्षेत्र का ही नहीं, बल्कि समूचे जनपद में यह गोरखधंधा अधिकारियों की सांठगांठ से पनप रहा है। इसकी वजह से पेड़ों के हत्यारे ठेकेदारों की संख्या में वृद्धि भी होती जा रही है। इससे बड़े पैमाने पर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। इस काले कारनामे के चलते जरूरतमंद व्यक्ति को पेड़ काटने के लिये अब अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं। यही अधिकारी समय-समय पर उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन करते हुये अपने क्षेत्र के विद्यालयों व ग्राम पंचायतो में बैठक व गोष्ठी करके लोगों को वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ, पानी बचाओ, जीवन बचाओ का पाठ पढ़ाते हैं। अगर ऐसा ही प्रशासन का क्रिया कलाप रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब हरे वृक्षों का नामो निशान मिट जायेगा। इससे न ही वर्षा होगी, न ही पीने के लिये पानी और सारे अभियान धरे के धरे रह जायेंगे।