नीरज कुमार/लखनऊ!! क्षेत्र में जगह-जगह आवारा पशुओं की समस्या के कारण किसानों को परेशानियों का करना पड़ता है सामना। जिसके चलते आज किसानों ने खण्ड विकास अधिकारी को सौंपा ज्ञापन। यूपी में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश की हत्या पर रोक लगा दी थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की तादाद बढ़ गई है जो किसानों के लिए सिरदर्द साबित होती जा रही है। वहीँ ताजा मामला राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र अंतर्गत चद्रावल ग्राम सभा में पशु आश्रय केंद्र में एक भी जानवर नहीं है और आवारा जानवर किसानों की फसल को नष्ट किए जा रहे हैं किसान अपनी समस्या को लेकर कई बार खण्ड विकास अधिकारी से मौखिक शिकायत की लेकिन समस्या का निदान नहीं मिला आलम यह है कि चद्रावल ग्राम सभा के सैकड़ों ग्रामीण आवारा जानवरों से परेशान होकर सरोजनी नगर ब्लॉक में धरना व प्रदर्शन किया और खण्ड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा लेकिन ब्लॉक के अधिकारियों से आश्वासन ही मिलता है कि जल्द से जल्द जानवरों को पकड़ कर पशु आश्रय केंद्र में रखा जाएगा आपको बताते चलें की चद्रावल ग्राम पंचायत के आसपास के गांव में आवारा पशुओं की भरमार है जिससे किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा करने के लिए आवारा जानवर एक चुनौती बने हुए हैं आए दिन आवारा जानवरों का झुंड सुबह होते ही किसानों की लहराती धान की फसल में टूट पड़ते हैं जिसे किसान आवारा पशुओं से अपनी फसल बचाने में नाकाम साबित हो रहे हैं किसानों की आय दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, और किसान विभिन्न प्रकार के कर्ज में डूबे जा रहे हैं, क्योंकि किसान की आय का श्रोत खेती होती है, किसानों वा ग्रामीणों की माने तो भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पशु आश्रय केंद्र बन जाता तो आवारा पशुओं की देखरेख व खाने पीने की उचित व्यवस्था हो जाती तो आवारा पशुओं द्वारा किसानों की धान की फसल नष्ट होने से बच जाती , जिससे भाजपा सरकार के द्वारा लिया गया संकल्प, किसानों की आय दोगुनी करने का ,सच साबित होता लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी भाजपा सरकार के संकल्प की अहमियत न रख कर उसके मनसुबो पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।