नई दिल्ली। गंगा के लिए 111 दिन से अनशन पर बैठे 86 साल के वैज्ञानिक संत प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के कुछ घंटों बाद गुरुवार देर रात वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दु:ख जताया। मोदी ने लिखा, पर्यावरण विशेषकर गंगा की सफाई के प्रति उनका जुनून हमेशा याद रखा जाएगा। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि है। प्रो. अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद) ने गंगा एक्ट लागू करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को कई पत्र लिखे, यहां तक कि अनशन शुरू करने से पहले भी उन्होंने पत्र लिखा, लेकिन जवाब के इंतजार में गंगा के ‘भगीरथ’ ने ‘दधीचि’ बन देह त्याग दी। गंगा पुत्र स्वामी सानंद ने अपना शरीर ऋषिकेश एम्स के छात्रों के उपयोग के लिए दान कर दिया गया।
‘गंगाजी के लिए मुझे अपनी जान देने में कोई समस्या नहीं है’
प्रधानमंत्री को भेजे आखिरी खत में स्वामी ज्ञान स्वरूप ने लिखा था, ‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मैंने गंगा सफाई अभियान को लेकर आपको कई पत्र लिखे, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं मिला है। मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री बनने के बाद आप गंगा सफाई पर गहराई से विचार करेंगे, क्योंकि आपने 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान बनारस में कहा था कि गंगा जी ने आपको उनकी सेवा के लिए बुलाया है। …मुझे उम्मीद थी कि आप आगे बढ़कर एक नई पहल करेंगे।