देश मे एक तरफ गोकशी के नाम पर लिंचिंग हो रही है। काही सामाजिक सद्भाव बिगाड़ा जा रहा है। वहीं मेरठ में बहुत ही खुश कर देने वाला मामला सामने आया है। यहा एक मुस्लिम महिला ने अपनी जमीन मंदिर को निर्माण के लिए दान कर के गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की है। दरअसल पूरा मामला यह है कि मेरठ में एक मुसिल्म महिला ने मंदिर के लिए चंदा मांगने आए लोगों को जमीन देने का ऐलान कर दिया। मुस्लिम महिला की जमीन पर मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो गया है।
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करने वाली महिला का नाम अकबरी है। वह मेरठ के सिवालखास की रहने वाली हैं। दरअसल, उनके घर पर कुछ लोग मंदिर के लिए चंदा मांगने आए थे। उस समय उनके पति घर पर मौजूद नहीं थे। अकबरी ने उनको मंदिर के लिए जमीन दान में देने की बात कह दी। बाद में अकबरी ने यह बात अपने पति को बताईतो उन्होंने भी इस पर सहमति जताई। अब अकबरी की जमीन पर मंदिर निर्माण की बुनियाद रखने का काम शुरू हो गया है।
मेरठ के सिवालखास में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक आस मोहम्मद के घर पर कस्बे के कुद लोग मंदिर के लिए चंदा मांगने पहुंचे थे। उस समय आस मोहम्मद घर पर नहीं थे। उन्होंने घर में मौजूद उनकी पत्नी अकबरी से मंदिर के लिए जमीन खरीदने और उसके निर्माण के लिए चंदा मांगा। इस पर अकबरी ने कहा कि वह दान में 100 गज जमीन दे सकती हैं। पहले तो चंदा मांगने आए लोगों को यकीन नहीं हुआ।
जब अकबरी ने जोर देकर कहा तो चंदा मांगने आए लोगाें की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद अकबरी ने अपने पति को अपने निर्णय से अवगत कराया। उनकी सहमति मिलने के बाद अकबरी ने मंदिर निर्माण के लिए 100 गज जमीन दान में दे दी। इसके बाद मंदिर की बुनियाद रखने का काम शुरू हो गया। अकबरी का कहना है कि वह अपने धर्म में पूरा विश्वास रखती हैं। साथ ही वह दूसरे धर्मों का भी सम्मान करती हैं। उनका परिवार मस्जिदों में दान करता रहा है, लेकिन पहली बार जब मंदिर के लिए चंदा लेने कोईआया तो उन्होंने अपनी जमीन दान में दे दी। इससे उन्हें बहुत खुशी हो रही है।