चौधरी सुरेंद्र सिंह/मुजफ्फरनगर!! दो मासूम छात्रों के बीच मामूली कहासुनी में कक्षा तीन के छात्र ने कक्षा चार के छात्र के पेट में चाकू घोंप दिया। जिसे गम्भीर अवस्था में हायर सैन्टर ले जाया गया है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। दोनों छात्रों की उम्र 8 से 10 वर्ष के बीच है, जिसे लेकर पुलिस व हर कोई सकते में है। जलालाबाद के मौहल्ला बाबूपुरा गंगोह रोड निवासी शाहबुददीन का 9 वर्षीय पुत्र आमिर मंडी भास्कर गंज स्थित सनराईज पब्लिक स्कूल में कक्षा 4 में पढता है। मंगलवार को लगभग साढे बारह बजे स्कूल की छुटटी के बाद आमिर अपने अन्य सहपाठियों के साथ घर लौट रहा था। आमिर के साथ ही कक्षा तीन में पढने वाला 8 वर्षीय छात्र नदीम पुत्र यामीन मंसूरी निवासी बाबूपुरा भी था। दोनों छात्रों के बीच मामूली कहासुनी हो गई, जिसे लेकर कक्षा तीन का छात्र नदीम इतना उत्तेजित हुआ कि कक्षा चार के छात्र आमिर के पेट में बैग से चाकू निकालकर घोंप दिया, जिससे आमिर तडफता हुआ नीचे गिर गया। घटना के बाद हमलावर छात्र नदीम मौके से फरार हो गया। दर्द से तडफते छात्र को अन्य कुछ छात्र जलालाबाद पुलिस चौकी लेकर पहुचे, जहां मौजूद चौकी प्रभारी पवन सैनी तुरन्त ही घायल छात्र को थानाभवन चिकित्सालय ले गये व घायल छात्र के बारे में जानकारी कर उसके परिजनों को सूचना दी, जिस पर छात्र के परिजन बदहवास दौडते हुए पूर्व चेयरमैन जहीर मलिक को लेकर थानाभवन चिकित्सालय पहुचे, जहां से चिकित्सकों से वार्ता कर छात्र की गम्भीर स्थिति को देखकर पहले मुजफ्फरनगर बाद में मेरठ हायर सैन्टर ले गये।
जहां घायल छात्र की स्थिति बेहद नाजूक बनी हुई है। बताया जा रहा है कि छात्र की आंते चाकू के वार से बाहर निकली हुई है। जलालाबाद पुलिस ने हमलावर छात्र की तलाश में उसके घर पर दबिश दी, परन्तु छात्र घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस चौकी प्रभारी पवन सैनी ने अन्य कई छात्रों को बुलाकर घटना के बारे में जानकारी ली व बताया कि एक दिन पूर्व सोमवार में दोनों छात्रों में समोसा खाने को लेकर कुछ कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद हमलावर छात्र मंगलवार को सुबह ही घर से चाकू लेकर स्कूल पहुंचा था, परन्तु उसके मन में क्या चल रहा है। इसकी स्कूल में किसी को भनक तक नहीं लगी थी। पीडित परिवार मुजफ्फरनगर दंगों में विस्थापित होकर ग्राम मुंडभर से जलालाबाद आकर रह रहा था। घटना से जहां पुलिस सकते में है, वहीं मासूम छात्रों में पनप रही इस प्रकार की अनजानी अपराधिक मनोवृत्ति से अभिभावकों में भी भय की स्थिति बनी हुई है। समाचार लिखे जाने तक किसी प्रकार की पुलिस कार्यवाही घायल छात्र के अभिभावकों की ओर से नहीं की गई थी, जबकि पुलिस घटना को लेकर बेहद गम्भीरता से मामले की तह तक जाने में जुटी है, जिससे बच्चों में इस प्रकार की हिंसक मनोवृत्ति को पनपने से रोका जा सके। इस सम्बन्ध में विद्यालय के संचालक का कहना है कि स्कूल परिसर में छात्रों के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ था। छुटटी के बाद रास्ते में दोनों के बीच क्या विवाद हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं लग सकी है।