मोनिस/छपार/मुजफ्फरनगर!! कानून के रखवाले ही कानून को धता बताकर कर्तव्यों से अपरिचित हो जाएं तो आम नागरिक में असुरक्षा की भावना पैदा होना स्वाभाविक है।प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी खाकी के दामन पर लगे दाग गहरे हो रहे हैं, जिससे पुलिस प्रशासन की छवि को भारी नुकसान हो रहा है। थाना छपार पुलिस द्वारा बेगुनाह को जबरदस्ती आरोपी बनाने का चोंकाने वाली घटना प्रकाश में आयी है जिससे जनपद की पुलिस को दागदार करने का कार्य किया है पीड़ित ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों के दरबार मे इंसाफ की गुहार लगाई है । थाना छपार क्षेत्र के गांव बसेड़ा निवासी परवेज़ ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर बताया कि गत 18 अगस्त को उसके भतीजे जावेद पर गय्यूर व कय्यूम ने जानलेवा हमला कर गोलियां बरसा कर घायल कर दिया था। जिसमे में परवेज़ के भाई मुस्तकीम ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी हुई है। गत 22 अगस्त को बसेड़ा चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक रविकिशन दो कॉन्स्टेबल के साथ मध्यरात्रि उसके घर मे घुस गया तथा उसके साथ व घर की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुये परवेज़ को जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले गया। घर की महिलायें शोर मचाती रही किन्तु पुलिस ने नहीं सुनी व आधी रात को पुलिस परवेज़ को चौकी पर ले गयी। वहाँ से कार में डालकर थाना छपार ले जाया गया। जहाँ फिल्मी विलेन की भाँति परवेज़ से व्यवहार किया गया। कागज़ के पेपर पर लिखी तहरीर पर परवेज़ को हस्ताक्षर करने को कहा गया परवेज़ द्वारा इनकार करने पर उसको प्रताड़ित करते हये पुलिस द्वारा ज़बरदस्ती हस्ताक्षर कराने के साथ-साथ तहरीर को पढ़ते हुये वीडियो भी बनाई गयी जिसमें नवाब मिस्त्री नामक व्यक्ति का नाम उससे कहलवाया गया परवेज़ ने बताया कि नवाब मिस्त्री से उसकी कोई दुश्मनी नही हैं। पुलिस उसको व उसके परिवार को आतंकित कर नवाब को आरोपी बनाने व परवेज़ के खिलाफ फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रही है। पीड़ित ने अपने परिवार की जान को पुलिस से खतरा बताते हुये सुरक्षा की गुहार लगाई है ।