नितिन सिंह/थांवला!! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान अजमेर पहुंचे जहां उन्होंने कई लोकार्पण किए तो वहीं जवाहर रंगमंच में आयोजित बाल संगम कार्यक्रम में भाग लिया और बच्चों को सम्मानित किया। अजमेर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाहर रंगमंच से रिमोट द्वारा जयपुर, जोधपुर, कोटा सहित 4 जिलों में शुरू होने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों का शुभारंभ किया, इसके बाद गहलोत ने बच्चों द्वारा विभिन्न कोर्सों की पुस्तक का विमोचन किया, साथ ही बाल कल्याण पोस्टर का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। वहीं राजकीय बाल देखरेख में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संस्थान उदयपुर, बीकानेर व अजमेर के भामाशाहों का भी मुख्यमंत्री ने सम्मान किया। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान व बोर्ड परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले विभिन्न जिलों के बालक बालिकाओं को भी मुख्यमंत्री गहलोत ने शील्ड देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कल के नए भारत का विकास इन बच्चों के कंधों पर है, बच्चे ईश्वर का रूप होते हैं, उनकी देखभाल हो, यह संवेदनशील वाला काम होता है, उन्होंने कहा कि बच्चा तो बच्चा होता है कॉमन सेंस उनमें भी होता है, सरकार जितना करे बच्चों के लिए वो कम है हमारी सरकार बच्चों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेगी। घूंघट की बात पर गहलोत ने कहा कि 70 साल के बाद में विदेशी मुल्कों में घूंघट देखा है, हम अपने परिवार में सबको घूंघट में देखते हैं, एक महिला पुरुष के बराबर हक रखती है। परिवार में बच्चों की मुख्य भूमिका रहती है। बाल अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित बाल संगम कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, खाद एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया सहित कई जनप्रतिनिधी मौजूद रहे।