मोदी सरकार द्वारा एसएसी/एससी एक्ट में संशोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सवर्ण जातियों के एक दर्जन संगठन एसएसी/एससी एक्ट के खिलाफ आज रैली कर रह रहे हैं. 6 सितंबर को भारत बंद का ऐलान भी किया गया है.
मध्य प्रदेश में SC/ST एक्ट के खिलाफ सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के द्वारा शुरू किया गया आंदोलन पूरे राज्य में फैलता जा रहा है.
एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ आज बुलाई गई इस रैली के मद्देनजर प्रशासन सतर्क है. प्रशासन को डर है कि रैली के विरोध में दलित समुदाय के युवा भी प्रदर्शन कर सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो हिंसा भड़क सकती है.
एससी-एसटी के खिलाफ ग्वालियर के फूलबाग मैदान में क्षत्रिय महासभा, गुर्जर महासभा और परशुराम सेना स्वाभिमान सम्मेलन रैली है. SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्ण समुदाय के इस आंदोलन के चलते शिवपुरी में धारा 144 लागू दी गई है, जो 6 सितंबर तक रहेगी.
मंगलवार को यानी कल 4 सितंबर को सपाक्स ग्वालियर में एक बड़ी रैली का आयोजन कर रहा है, जिसमें प्रदेश भर के लोगों को बुलाया गया है. बता दें कि SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था. इस दौरान सबसे ज्यादा हिंसा ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. अब सवर्ण समुदाय के लोग भी एकजुट हो रहे हैं.
प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है. SC-ST एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भिंड जिले में धारा 144 लागू कर दी गई. जिला प्रशासन की तरफ से जारी निर्देश के मुताबिक, यहां 6 सितंबर तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अगड़ी जातियों के लगभग एक दर्जन संस्थान एससी/एसटी संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं. इनका कहना है कि ये लगातार बढ़ रहे असंतोष को जाहिर करने का एक जरिया है. मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर प्रदेश के बड़े नेताओं के घेराव के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पथराव का सामना करना पड़ा. मंगलवार को ग्वालियर में एससी/एससी एक्ट के खिलाफ रैली बुलाई गई है और 6 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है.