आमिर आजाद/मधेपुरा!! मधेपुरा/बीएनएमयू:-प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली ने गुरुवार को कृषि विशेषज्ञ शम्भू शरण भारती के औषधीय खेत का निरीक्षण किया और उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया प्रति कुलपति ने कहा कि कोसी एवं सीमांचल में इनके द्वारा औषधिय पौधों की खेती अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक अत्यंत समाजोपयोगी खेती है। प्रति कुलपति ने इनके द्वारा किये गए कार्य से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहाँ की जन्तु विज्ञान ,वनस्पति विज्ञान, रसायनशास्त्र एवं गृह विज्ञान की संयुक्त व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा।मालूम हो कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार जी ने भी इनके द्वारा की गई खेती की काफी सराहना की और उन्होंने इनके खेत पे आने का वचन दिया है। मालूम हो कि शम्भू शरण भारती करीब 11 वर्ष से जड़ी- बूटियों द्वारा असाध्य रोग का ईलाज कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा था कि मधेपुरा जिले में नहीं हो सकती अंजीर की अच्छी खेती इसे किसान शंभूशरण भारतीय ने एक चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के दावे को गलत सिद्ध कर दिया। इनके खेत में इन दिनों अंजीर का फल लगा है। मधेपुरा आगमन पर पिछले दिनों जब सीएम ने सिंहेश्वर में कृषि विभाग के स्टॉल पर अंजीर को देखा, तो वे जिज्ञासा से भर उठे। किसान भारतीय की माने तो अब जब भी सीएम मधेपुरा आएंगे तो उनके खेत पर जाने की भी संभावना है। बकौल भारतीय उनके खेत में इन दिनों अंजीर के 135 पेड़ हैं, जिससे वे सालाना सवा से डेढ़ क्विंटल अंजीर का उत्पादन कर रहे हैं। जैसे-जैसे पेड़ की आयु बढ़ेगी, उत्पादन और बढ़ेगा। वे पिछले 17 सालों से महज एक बीघा छह कट्ठा जमीन में औषधीय फल-फूल और पौधे की खेती कर रहे हैं। जिससे सालाना 10 लाख से ज्यादा की कमाई हो जाती है। इसी खेती से वे न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर अच्छी सरकारी सेवा तक में उन्हें मुकाम हासिल करवाया है। कोसी प्रमंडल में औषधीय फल-फूल और पौधों की खेती करने वाले किसानों के लिए वे प्रेरक बने हुए हैं। हर दिन कोई न कोई किसान उनके खेत पर आकर जानकारी प्राप्त करता है। भारती कहते हैं कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि पैदावार बढ़ाना है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसानों की आय को दोगुना करना है। वे दोनों ही पैटर्न के अनुरूप खेती पर जोर दे रहे हैं। भविष्य में वे अपने यहां फलने वाले फलों से हलुआ, चॉकलेट, खीर आदि का प्रोडक्ट बेचने की योजना बना रहे हैं। अपने स्टॉल पर सतावर का चॉकलेट भी सबको बांटे थे। इस अवसर पर छात्र डेविड यादव एवं शंकर यादव आदि उपस्थित थे।