सूरज कुमार,पटना/बिहार!! जल ही जीवन है। यह बात सभी जानते हैं और शुद्ध जल सभी को मिलें इस लिए केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार करोड़ों रूपये हर साल खचॅ करते हैं। मामला नगर मुख्यालय पटना का है जहां शौचालय के नल टूटे हुये हैं और सैकड़ों, हजारों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा है। यह लापरवाही सरकार की करनी और कथनी को उजागर करती है। यह लापरवाही ऐसी जगह है जहां पटना नगर निगम के नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त जैसे बड़े ओहदेदार बैठते हैं। पटना नगर निगम ने सभी सार्वजनिक जगहों पर शौचालयों की निर्माण कराया था। कमोवेश सभी शौंचालयों का यही हाल है। जहां नल गायब हैं और पानी की बर्बादी हो रही है। मौर्यॉ लोक के कंपाउंड के अन्दर बाथरूम का भी यही हाल था।