ऋषि त्यागी/बिजनौर!! कब्रिस्तान में शव को दफनाने को लेकर ग्रामीणों में मारपीट हो गई। पीड़ित परिवार मृतका के शव को नगीना थाना क्षेत्र के गांव पटपडा में दफनाया। थाना कोतवाली देहात के स्थानीय मोहल्ला रहमुल्लह कॉलोनी निवासी तौफीक अहमद की पत्नी अकीला कैंसर से पीड़ित थी 13 सितंबर की रात्रि को किसी समय उसका देहांत हो गया 14 सितंबर की प्रातःकुछ पड़ोसी व रिश्तेदारों के साथ वह कोतवाली के कब्रिस्तान में कब्र खोदने के लिए इरादे से गया था। लेकिन कब्रिस्तान में पानी भरा होने के कारण लोगों ने उसे सलाह दी कि वह सुबह को अपने पैतृक गांव नरेना मैं पत्नी का दफना कर दे। वह अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ कोतवाली से 7 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव नरेणा पहुंचा तथा कब्र खोदने लगे कब्र लगभग पूरी खुद गई थी पीड़ित का आरोप है कि गांव के मनसूर गुलफाम, इजहार, खालिक आदि अन्य ग्रामीणों के साथ एक राय होकर कब्र खोदने से मना करने लगे इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। ग्रामीणों ने कब्र खोद रहे गोलू , फारुक, दिलशाद आदि की पिटाई कर दी, तथा उनकी मोटरसाइकिल बाइक स्कूटी क्षतिग्रस्त कर दी। उन्होंने शव दफन करने से रोक दिया लगभग 6 घंटे बाद सबको लगभग 12 किलोमीटर दूर ले जाकर नगीना थाना क्षेत्र के गांव पटपूरा में दफना दिया गया इस मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चा हो रही है कि क्यों लोगों की संवेदनाएं बिल्कुल मर चुकी है। इस घटना से पीड़ित परिवार को सामाजिक व मानसिक आघात लगा है। एक पीड़ित परिवार इसी गांव का निवासी था उक्त कब्रिस्तान किसी की निजी संपत्ति नहीं है जब भी पीड़ित की पत्नी को गांव के कब्रिस्तान में नहीं दफनाया गया पीड़ित का कहना है कि यह कहां का इंसाफ है। वह बक्फ़ विभाग के अंतर्गत सार्वजनिक संपत्ति होती हैं स्वामित्व का अधिकार ग्रामीणों को किसने दिया।