ऋषि त्यागी/बिजनौर!! जनपद में ‘मेरी गंगा मेरी सूंस’ अभियान के तहत वर्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम ने गंगा में डॉल्फिन की गणना शुरू कर दी है। डीएफओ डॉ. एम सेम्मारन ने वर्ल्ड वाइल्ड फंड की टीम की बोट को डॉल्फिन की गणना के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। टीम में ब्रिटेन से आईं डॉ. गिल ब्रोलिक भी शामिल हैं। अब गंगा बैराज से नरौरा तक 225 किलोमीटर की धारा में डॉल्फिन की गणना की जाती है। लेकिन इस बार गंगा बैराज से पीछे बालावाली घाट से डॉल्फिन की गिनती शुरू की गई है। डॉल्फिन गंगा की धारा के विपरीत तैरना पसंद करती हैं। पहाड़ों पर बारिश के समय गंगा बैराज के गेट खोले जाते हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान कुछ डॉल्फिन पुल के दूसरी ओर जरूर गई होंगी। इन्हें भी चिह्नित करने के लिए बालावाली घाट से डॉल्फिन की गिनती शुरू की गई है। गणना में इस बार दो बोट लगाई गई हैं। ये बोट कुछ दूरी के अंतराल पर चल रही हैं। दोनों बोट पर सवार टीम के सदस्य 15 अक्तूबर तक डॉल्फिन की गिनती करेंगे।