ऋषि त्यागी/बिजनौर!! जिले के किसानों पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। अब यह कर्ज पांच हजार करोड़ के भी पार जा पहुंचा है। जिले के किसानों पर पहले कभी इतना कर्ज नहीं रहा है। किसान समय से गन्ना भुगतान न मिलने व फसलों का सही दाम न मिलने की बात कहते हैं। लेकिन जो भी हो, किसानों पर कर्ज तो बढ़ ही है। किसानों के लिए खेती में मदद को बैंकों में अनेक ऋण योजनाएं संचालित हैं। किसान क्रेडिट कार्ड, पशुपालन, जमीन खरीदने आदि के लिए बैंकों से लोन ले सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर तीन लाख तक का लोन एक साल में जमा करने पर किसान को ब्याज में सब्सिडी भी मिलती है। किसान के खाते में तीन प्रतिशत ब्याज वापस आ जाता है। बाकी अधिकतर योजनाओं पर भी किसानों को सब्सिडी मिलती है। लेकिन किसान समय से अपने कर्ज को बैंकों में वापस जमा नहीं कर पा रहे हैं। इसका एक सबसे बड़ा कारण किसानों के मन में कर्जमाफी का लालच भी है। इस कर्जमाफी के चक्कर में किसान बैंकों से कर्ज लेते हैं और समय पर जमा नहीं करते हैं। इससे किसानों पर ब्याज बढ़ता जाता है। लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल से दिसंबर तक किसानों ने छह महीने में ही 1200 करोड़ का कर्ज लिया था। कर्जमाफी तो नहीं हुई, लेकिन किसानों पर यह कर्ज अब तक बरकरार है। पिछले साल दिसंबर तक किसानों पर 4890 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो अब मार्च में बढ़कर 5063 करोड़ पहुंच गया है। जिले के किसानों पर इससे पहले कभी पांच हजार से अधिक का कर्ज नहीं हुआ था। यह हाल तब है जब जिले के किसानों की आय पहले से बढ़ी है। गन्ने व बाकी फसलों में अच्छी पैदावार करके किसान आमदनी बढ़ा रहे हैं ।