सवांददाता-मंदीप सिंह /बिलसंडा!! अगर प्रदेश में भ्रष्टाचार की बात की जाए तो भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अगर प्रदेश को घोटालों का प्रदेश कहा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा। जी हां जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर 5 साल तक के बच्चों को हर महीने पोषाहार देने की व्यवस्था की जाती है। लेकिन सरकारी अफसरों की मेहरबानी से बच्चों के लिए वितरित किया जाने वाला यह पोषाहार भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के चलते आम जनता तक नहीं पहुंच पाती है। सरकार द्वारा किए गए यह दावे केवल कागजों में ही नजर आते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत पर देखा जाए तो यह दावे हवा-हवाई नजर आते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं बिलसंडा ब्लाक के गांव गौहनिया की यहां पर जब हमारी टीम पोषाहार को लेकर हकीकत जानने पहुंची तो लोगों के जवाब चौंकाने वाले निकले। वहां पर ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा कभी भी पोषाहार गांव में नहीं बांटा जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे वर्ष में कभी एक दो बार शायद पोषाहार वितरित किया गया हो। जब कि हर महीने गांव के लिए भारी मात्रा में पोषाहार वितरित करने के लिए आता है। आपको बता दें कि बिलसंडा क्षेत्र में कई एक और भी गांव है जहां पर पोषाहार वितरित नहीं किया जाता है। जल्द ही हमारी टीम उन गांव की भी हकीकत जानने पहुंचेगी। अब देखना यह होगा के इन भ्रष्ट अधिकारियों पर सरकार कब नकेल कसेगी या फिर इन भ्रष्ट अधिकारियों का जलवा यूं ही कायम रहेगा।