सियाराम कुमार, पटना!! : पालीगंज अनुमण्डल मुख्यालय बजार आये दिन जाम की भीष्ण जाम की कैंसर जैसे नासूर बने इस बड़े समस्या पर नेता हो या राजनेता, या कर्मचारी हो या बड़े पदाधिकारियों या छोटे जनप्रतिनिधियो हो कोई भी गम्भीर नही सब बेखबर है। अनुमण्डल बने तो लगभग दशकों हो हो गए अनुमण्डल की बढ़ती भार अनुमण्डल बाजार के रूप मे सही तरह से विकसित नही हो पाए,सबकुछ बेतरतिब चल रहा है,लेकिन यहाँ न कोई सब्जी मंडी है, न ही बस स्टैंड है, न ही कोई तन्त्र जिसे कोई नियंत्रित कर सके, सबकुछ बीच सड़क पर की लगता है। जिसे जहां मर्जी ठेले लगा दे, जिसे जहां मर्जी गाड़ी लगा दे कोई रोक टोक नहीं, सबकी अपनी अपनी पड़ी रहती है। अनुमण्डल मुख्यालय बाजार के हर चौक चौराहे पर बस स्टैंड ,टेम्पो स्टैंड हो वह बिहाटा मोड हो,चंढोस मोड हो या दुर्गा या देवी स्थान सभी चौक चौराहों पर अवैध अतिक्रमन वाहन चलको और ठेले खेमचे वालों के साथ बचे खुचे कसर मोटरसाइकल वालों द्वारा अपनी जहां मर्जी हो बीच सड़क पर लगा कर पूरे बाजार को मानो हैक कर लिया हो। जिसके कारण बीच बाजार से अगर दोनों ओर से दो बड़े वाहन एक साथ गुजरने को आ जाए तो मानो किसी बड़े मुसीबत की न्यौता दे दिया गया हो ऐसा प्रतीत होता, इस बीच माहा जाम हो जाना तय है। अगर आप उस समय गुजर रहे है तो समझिए आपकी सामत आ गई। उस दौरान आप भगवान भरोसे ही निकलने की सोच कर मन ही मन ईश्वर को याद करते हुए प्रार्थना करते है की जल्द ही आप जाम से पार निकलवा दीजिए और अगर आप जाम से निकल गए तो भगवान को धन्यवाद दिए बिना ना रहेंगे। ये हालात है यहाँ के सबकुछ भगवान भरोसे, अनुमण्डल प्रशाशन और स्थानीय पुलिस की तो कोई अपनी कर्तव्य निष्ठा की आप तो कोई उमीदें कर ही नही सकते क्योकि उन्हे आम जनता की समस्यायो से कोई सरोकार ही नहीं न ही कोई उन्हे इसकी चिंता। वही दूसरी ओर हमारे जनप्रतिनिधियो की कोई इससे लेना देना है।वे लोग को भला क्या मतलब क्योकि उन्हे तो कुछ दिक्कत उठानी ही नही पड़ती।