संजय वर्मा/नवादा!! शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्पूर्ण स्थान रखने वाले जिले का गौरव संत थॉमस इंग्लिश स्कूल का 7वां वार्षिकोत्सव शनिवार क़ो धूमधाम से मनाया गया । इस मौके पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ भाषण, अभिवादन एवं नृत्य तथा गीत -संगीत स्कूली छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नप अध्यक्षा कुंती देवी, समाजसेवी पवन कुमार गुप्ता, संत पोल्स इंग्लिश स्कूल के प्रिंसिपल बीजू थॉमस, डायरेक्ट बीना बीजू निदेशक थॉमस के. अब्राहम, प्रिंसिपल सोनिया थॉमस द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम क़ो संबोधित करते हुए बीजू थॉमस ने कहा शैक्षणिक माहौल कायम रखना और शिक्षा का स्तर बनाए रखने के लिए विद्यालय की आवश्यकता होता है। ऐसे में अपनी उपलब्धियों के बदौलत हिसुआ जैसे शहर में संत थॉमस इंग्लिश स्कूल ने बहुत हीं कम समय में कृतिमान हासिल किया है। उपयुक्त शिक्षा के साथ-साथ खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में यहां के बच्चे जो नाम कमाए हैं वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा यहां के आदर्शवादी शिक्षकों और अनुशासित छात्र इस विद्यालय की पहचान बना है। महज 7 वर्षों में 8 सौ से अधिक बच्चे यहां आकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं यह अपनेआप में एक उपलब्धि है। उपस्थित बच्चों एवं अभिभावकों क़ो संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रिंसिपल सोनिया थॉमस ने कहा कि हमने एक सोंच और विश्वास के साथ केरल से चलकर बिहार के इस छोटे से जगह हिसुआ में विद्यालय खोला था। जिसमें नवनिहाल बच्चों के शिक्षा के प्रारंभिक स्तर क़ो एक मजबूत शुरुआत दूं। शिक्षक तो मात्र पथ प्रदर्शक होते हैं जो बच्चों क़ो शिक्षा और संस्कार के रास्ते बताते हैं। उस रास्ते पर चलना तो स्वयं शिक्षा अर्जित कर रहे बच्चों का होता है। इन कार्यों में बच्चों के अभिभावकों की भूमिका भी अहम होता है जो छात्रों क़ो शिक्षा ग्रहण कराने के लिए बच्चों क़ो तैयार कर समय पर विद्यालय भेजना, पोशाक की सफाई करना और घर पर विद्यालय का दिया गया होमवर्क तैयार कराने के साथ उनके पढ़ाई का ख्याल रखना। कार्यक्रम क़ो बिहार शरीफ संत थॉमस इंग्लिश स्कूल बरबीघा के बाबू थॉमस, डॉ. रवि निवास, पवन कुमार गुप्ता समेत विद्यालय के शिक्षक राजीव, विजय, राजेंद्र, सन्नी, आशा कुमारी, डॉली कुमारी, मोहम्मद इस्लाम, गौरव ने संबोधित करते हुए प्राथमिक शिक्षा पर जोर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मयंक राकेश राज, कृतिका, नंदनी, आयशा खातून, प्रीति कुमारी, सौरव समेत 3 सौ स्कूली छोटे-छोटे बच्चों ने जल जीवन हरियाली, दहेज प्रथा, नशामुक्ति, जनसंख्यावृद्धि, समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं कुरीतियों समेत विभिन्न कला का प्रदर्शन किया।