दीक्षित कुमार/बहरोड!! बहरोड के गंडाला गांव के सीआरिपीएफ के जांबाज शहीद की पार्थिव देह उनके गांव पहुचने के बाद हजारो लोगो ने अंतिम दर्शन किये। गंडाला गांव में माहौल गमहीन हो गया। इसके बावजूद शहीद अजित एमर रहे के नारे गगन में गुंजायमान हो रहे है। शहीद अजित यादव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गांव गंडाला के सीनियर सेकंडरी स्कूल के खेल मैदान में किया गया। इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर ली सलामी दी गई। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। शहीद अजित यादव के दोनों बेटों अभिषेक व अमित ने मुखाग्नि दी। जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह, भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक अमनदीप कपूर, अलवर सांसद बाबा बालकनाथ, विधायक बलजीत यादव, बीजेपी अलवर उत्तर बलवान सिंह, बीजेपी नेता मोहित यादव, कांग्रेस नेता आरसी यादव ने भी पुष्प चक्र चढ़ाकर सलामी दी। आपको बता दे बहरोड के गंडाला गांव का जाबांज सीआरपीएफ़ का हैड कांस्टेबल अजित सिंह शहीद हो गए थे छतीसगढ़ के बीजापुर नक्सली हमले के दौरान गोली लगने अजित सिंह घायल हुआ था। जिसने आज इलाज के दौरान दम तोड़ या है। शहीद अजित अलवर जिले गण्डाला गांव का रहने वाला है जो मंगलवार को शहीद हो गया था और आज उसका पार्थिव शव उंसके पैतृक गांव पहुच गया हूं। शहीद के दो बेटे है। गौरतलब है कि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवानों और नक्सलियों के बीच बीजापुर के पास 10 फरवरी को हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हुआ गण्डाला जवान हैड कांस्टेबल अजीत सिंह गोली लगने से घायल हो गया था। सू़त्रों के अनुसार बीजापुर मुडभेड़ में दो जवान मौके पर ही शहीद हो गये थे और 6 जवान बुरी तरह जख्मी हो गये थे। जिनमें से एक गण्डाला गाॅव निवासी अजीत सिंह यादव पुत्र भूतपूर्व सरपंच स्व. महेन्द्र सिंह यादव थे। जिन्होने उपचार के दौरान मंगलवार को अंतिम सांस ली। परिजनों के अनुसार हैड कांस्टेबल अजीत सिंह सन 1994 में 204 कोबरा बटालियन में भर्ती हुए थे। हैड कांस्टेबल के शहीद होने की सूचना पर मां कमला देवी सहित परीजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। गाॅव में शोक की लहर दौड़ गई।