शिवम शर्मा/शाहजहांपुर!! राज्य विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की सिफारिश की है। इसमें प्रावधान किया गया है कि जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा होगी। विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। विधि आयोग ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश फ्रीडम आफ रिलीजन एक्ट 2019’ का मसौदा भी तैयार कर उन्हें भेजा है। माना जा रहा है कि सरकार मसौदे पर विधिक राय लेकर इसे विधानसभा के अगले सत्र में विधेयक के रूप में लाएगी। मसौदे में जबरन धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान तो है ही, साथ ही धर्मांतरण करा कर हुई शादी को रद करने की भी सिफारिश की गई है। असल में मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2017 में आयोग से कहा था कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानूनी प्रावधान तय करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। भाजपा धर्मांतरण को लेकर चुनावी मुद्दा बनाती रही है।
धर्मांतरण करने वाले युवक-युवती को मजिस्ट्रेट के सामने एक महीने पहले सूचना देनी होगी। इसी तरह पुजारी, मौलवी, फादर को भी विवाह कराने की सूचना मजिस्ट्रेट को एक महीने पहले देनी होगी। सिविल कोर्ट को यह अधिकार दिया जाए कि जबरन धर्म परिवर्तन करा कर हुई शादी को रद कर दें। रिपोर्ट में आपसी सहमति से धर्म परिवर्तन को मंजूरी दी गई है। 268 पेज की इस रिपोर्ट में बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया है। जिसे देश के अलावा पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल आदि कानूनों को अध्ययन किया गया। इसमें कहा गया है कि किसी तरह जबरन, धोखाधड़ी, तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर धर्मांतरण कराने को प्रतिबंधित किया गया है। अगर गलत तरीके से धर्मांतरण कराया गया है तो पीड़ित पक्ष इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है। एक साल से कम सजा नहीं होगी जबकि इसे पांच साल किया जा सकता है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है। यदि कोई संस्था या संगठन इसके प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उससे जुड़े संचालक को भी उसी तरह की सजा दी जाएगी। साथ ही संगठन का रजिस्ट्रेशन भी रद किया जा सकता है। इस एक्ट का उल्लंघन करने वाली संस्था या संगठन को राज्य सरकार की ओर से किसी तरह की वित्तीय व अन्य मदद नहीं दी जाएगी। इन राज्यों में पहले से लागू मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड।