दिल्ली पुलिस की वर्दी एक बार फिर दागदार हो गई। बाहरी जिले के रणहौला थाने के पुलिसकर्मियों ने ठगी के एक आरोपी को अगवा कर उसके परिवार से उसे छोड़ने की एवज में डेढ़ करोड़ रुपये मांगे। एक करोड़ में सौदा तय हो गया। पहली किस्त के रूप में 11 लाख रुपये दे भी दिए गए। बाकी रुपये देने के समय बात बिगड़ी, तो आरोपी की पत्नी ने पीसीआर कॉल कर दी। मौर्या एंक्लेव थाना पुलिस पहुंची और छानबीन के बाद रणहौला थाने के एएसआई सूबे सिंह, हवलदार इंदु परमार और सिपाही अजय के अलावा सचिन नामक एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में ठगी के मामले में 28 सितंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें एक आरोपी दिल्ली के कंझावला निवासी प्रदीप प्रधान था। रणहौला थाने में तैनात एएसआई सूबे सिंह, हवलदार इंदु परमार व सिपाही अजय ने प्रदीप को उसके घर से उठाकर अवैध रूप से उत्तम नगर में सचिन नामक शख्स के घर पर रखा। इसके बाद परिवार से सौदेबाजी शुरू कर दी।
मौके पर उत्तर-पश्चिम जिले की मौर्या एंक्लेव थाना पुलिस पहुंची। छानबीन के बाद तीनों पुलिसकर्मियों व सचिन को हिरासत में ले लिया गया। नेहा के बयान पर जबरन वसूली और अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया।