चित्रकूट- अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि जब चाहे व जिसे चाहे निशाना बनाया जा रहा है और पुलिस प्रशासन जाँच का बहाना बनाकर मामले को लीपापोती करती हुई नजर आती है. सरकार द्वारा पत्रकारो की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े बडे दावे किये जा रहे हैं व पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारो के सम्मान व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश जारी किये गये हैं जिसमे पत्रकार अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे थे लेकिन चर्चा आज की समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक लवलेश पाण्डेय के ऊपर जानलेवा हमला पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करता है.
चित्रकूट जिले मे पत्रकारो के ऊपर हमले व अभद्रता करना आम बात हो गयी है . जिसमे पत्रकारो को कई बार बे इज्जत होते देखा व सुना जा सकता है . जब इन मामलो की शिकायत पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियो से की जाती है तो वह भी मामले को दबाने में जुट जाते हैं . गत माह पूर्व कामदगिरि अक्षय ऊर्जा केन्द्र मे कार्यरत सियाराम द्विवेदी द्वारा सत्ता सरकार समाचार पत्र के स्थानीय सम्पादक के साथ खबर प्रकाशित करने के कारण अभद्रता की गयी. जिसकी शिकायत 03/11/2018 को सदर कोतवाली कर्वी व डी आई जी बाँदा को लिखित शिकायती पत्र दिया गया था. लेकिन आज तक एफ़ आई आर तक दर्ज नहीं की गई . जाँच करने गये जाँच अधिकारी द्वारा मामले को दबा दिया गया और मनमाने तरीके से जाँच आख्या दी गई . अब इस घटना से एक बार फिर पत्रकार को निशाना बनाया गया है.
पीडित पत्रकार द्वारा बताया गया कि सदर कोतवाली के भरतकूप चौकी क्षेत्र के अंतर्गत चितरहाइन जंगल मोड के पास अज्ञात लोगों द्वारा मेरी गाड़ी आर्टिका में फायरिंग की गयी lजिसमे लगभग दो गोलियां दागी गयी l गाड़ी अनियंत्रित होकर पलटने की कगार पर पहुच गयी l गोलियों की गूंज सुनकर गाड़ी छोड़ कर घटना स्थल से जान बचाकर भागे और डायल 100व चौकी भरतकूप को सूचना दी. जिसमे घटना स्थल पर पहुचे चौकी प्रभारी भरतकूप द्वारा मामले की जाँच की जा रही है. पीडित पत्रकार ने बताया कि अपने दो सहयोगियो अवध नारायण त्रिपाठी व नवल किशोर द्विवेदी के साथ कोलौहा से वापस चित्रकूट आ रहे थे. तभी लगभग रात्रि 9बजे चितरहाइन जंगल मोड के पास जानलेवा हमला हुआ. प्रधान सम्पादक लवलेश पाण्डेय ने बताया कि मेरे ऊपर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके हैं . लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा जांच का बहाना बनाकर मामले को रफ़ा दफ़ा कर दिया जाता है. पीडित पत्रकार ने बताया कि घटना के चौबीस घण्टे होने वाले हैं लेकिन अभी तक एफ़ आई आर तक दर्ज नहीं की गई. वही पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले को गम्भीरता से लेते हुए जाँच शुरू की गयी है. पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि पत्रकार हो या आम जनता सभी की सुरक्षा हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.
रविंद्र सेजवार जरार
बाह, आगरा