झज्जरः जिले के गांव बाढ़सा में देश के सबसे बड़े नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) ने धरातल पर काम करना शुरू कर दिया है . इस कैंसर इंस्टीट्यूट में ओपीडी शुरू हो गई. शुरूआती दौर पर कैंसर इंस्टीट्यूट की ट्रायल बेस पर ओपीडी चालू की गई।
कैंसर ओपीडी में 3 रोगी ईलाज के लिए पहुंचे हैं. पहला रोगी दिल्ली के जाफरपुर कलां से पीथ थैली में कैंसर का रहा. रोगी को बाढ़सा में दिल्ली के एम्स की चल रही आउटरीच ओपीडी से रैफर किया गया जबकि दो अन्य रोगी दिल्ली के एम्स से रैफर हुए हैं. तीनों रोगियों का उपचार शुरू कर दिया गया है।
कैंसर अस्पताल में चीफ ऑफ इंस्टीट्यूट डॉ. जीके रथ की अध्यक्षता में एनसीआई का शुभारंभ हुआ. संस्थान में 48 करोड़ की लागत से एक्सटर्न रेडिएशन में इस्तेमाल होने वाले दो लीनियर एक्सलरेटर होंगे, जबकि सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीन भी खरीदी जा चुकी हैं.
इसके अतिरिक्त लैब में प्रतिदिन 60 हजार सैंपल प्रोसेस करने की क्षमता है. संस्थान के पूरी तरह से संचालित होने पर एम्स देश में कैंसर केयर के लिए एक नोडल संस्थान के रूप में काम करेगा. फिलहाल एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया को इसे चलाने का जिम्मेवारी सौंपी गई है,दिल्ली सीमा से सटे बाढ़सा गांव में एनसीआई शुरू होने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का काम बंट जाएगा. अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है जबकि बुनियादी उपकरण इंस्टॉल किए जा चुके हैं.
गौरतलब है कि 710 बैड के कैंसर संस्थान को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहला चरण अगले वर्ष जनवरी में मध्य में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों शुभारंभ होने का अनुमान है, जिसमें 250 बेड की सुविधा होगी. एम्स प्रवक्ता के अनुसार दिसंबर 2019 में इंडोर एडमिशन के तौर पर 500 बढ़ाए जाएंगे, जबकि एक साल के बाद ये पूरी तरह से संचालित होने लगेगा. फिलहाल पहले चरण के लिए 634 डॉक्टर, नर्स और टेक्नीशिन्स की जरूरत है जिनमें से 110 को नियुक्त कर लिया गया है.
– सनोज कुमार