चंदेश्वर शर्मा/कुशीनगर!! धौराहरा अवधकारी से लगे सड़क का कार्य धौरहरा अवधकारी में आकर खत्म हो गया। जब धान का फसल पकने को तैयार था तभी शासन की सीमित समय का हवाला देकर पके धान को काटकर सड़क बनाने की जोर-शोर से चली तैयारी में किसानों के नेवाले को ध्यान नहीं दिया गया ।लेकिन कार्य प्रारंभ हुए सालों बाद भी धौ रहरा गांव पूरा सड़े सड़े हुए जलजमाव एवं दल दल सा बना हुआ है, जिसमें अनेकों लोग फिसल कर गिरे और जख्मी हुए और इलाज भी चल रहा है और इस जलजमाव से भयंकर बीमारी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जिसकी शिकायत संबंधित जेई से किया गया लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आया धौराहरा गांव के लोग घर से नीचे पैर अपना उसी सड़क पर रखते हैं जहां सालों से जमा नाला व बारिश का पानी है। इस रासते सरकार के आला अधिकारी भी आते जाते हैं लेकिन इस गांव के लिए किसी अधिकारी की नजर में यह जर्जर सड़क गंदगी भरी जलजमाव नहीं दिखता। इस जलजमाव के कारण सड़क के किनारे बसे हुए लोगों के घर में कैद की तरह बच्चे भी महसूस करते हैं।