संजीव कुमार सिंह/कुशीनगर!! अहिरौलीदान में बड़ी गंडक नदी ने मुख्य बांध को काटकर अपने आगोश में ले लिया है। मुख्य बांध अब मात्र दस मीटर ही बचा हुआ है। लगातार नदी के दबाव के चलते इसे भी बच पाना मुश्किल है। बांध कटने के डर को लेकर दर्जनों गांवों में अफरा-तफरी मची हुई है। वहीं स्थिति को देखते हुए, बाढ़ खंड विभाग के अफसर मौके से गायब हो गए हैं। ग्रामीण खुद नदी में ईंट मिट्टी फेंक कर कटान से गांवों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। स्थिति काफी भयानक है। ग्रामीणों का कहना है कि बंधे से अवैध अतिक्रमण को हटाया जाए ताकि समय रहते बंधे को बचाया जा सके, अगर समय रहते बंधे पर बचाव कार्य शुरू न किया गया तो अहारौलीदान के साथ दर्जनो गांव नदी में विलीन हो जाएगा।कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के अमवा खास तटबंध पर पिछले एक सप्ताह से बड़ी गंडक नदी भारी तबाही मचा रही है। बाढ़ खण्ड विभाग बांध को बचाने के लिए तमाम दावे करता रहा, लेकिन नदी के रौद्र रूप और बचाव में लापरवाही के कारण रिंग बांध को पहले ही नदी ने अपने आगोश में ले लिया था। बांध को बचाने की कोशिश जब शुरू की गई तो जलस्तर में कमी होने के चलते विभागीय अभियंताओ को इसका लाभ भी मिला। पिछले तीन चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि होने लगी। शुक्रवार की सुबह नदी ने मुख्य बांध को अपने आगोश में ले लिया। बांध अब करीब एक मीटर ही बचा हुआ है। बांध कटने के चलते गांवों में अफरा-तफरी मची हुई है।