सियाराम कुमार आठ दिन बाद 17 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने के साथ ही सिंहेश्वर नाथ की नगरी सिंहेश्वर में हजारों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही सिंहेश्वर में एक महीने का मेला भी शुरू होगा। लेकिन इस बार सिंहेश्वर आने वाले कीचड़ और गड्ढे वाली सड़कों से गुजरने श्रद्धालुओं के लिए बड़ी समस्या होगी। प्रशासनिक स्तर पर बाबा की नगरी की सड़कों को दुरुस्त करने और जल-जमाव की समस्या दूर करने को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं देखी जा रही है। मानसून की दस्तक के साथ ही सिंहेश्वर की लगभग सभी सड़कों की हालत दयनीय बन गयी है। मेन रोड सहित मुख्यालय की लगभग सभी सड़कों पर कीचड़ और जल-जमाव है। जर्जर और गड्ढेनुमा सड़कों पर कीचड़ और पानी जमा रहने से श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जानकारी हो कि सावन का महीना शुरू होते ही देवनगरी सिंहेश्वर में हर दिन बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालुओं के साथ-साथ कांवरिया और डाकबम बाबा का जलाभिषेक करते हैं। सैकड़ों श्रद्धालु बाबा के दरबार में दंडप्रणामी भी लगाते हैं। ऐसे में सड़कों पर जमा कीचड़ और जल-जमाव से श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ सकती है। सिंहेश्वर की मुख्य सड़क एनएच 106 है। देवनगरी और आसपास के गांव का बाजार होने के कारण सिंहेश्वर में हर दिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है।
सिंहेश्वर की एक भी सड़क ऐसी नहीं है जिससे लोग आसानी से आना जाना कर सकते हैं। बरसात के कारण बाजार और सड़क की स्थिति नारकीय बन गयी है। ऐसा नहीं कि बाबा नगरी सिंहेश्वर की बदहाल सड़कों से अधिकारी और राजनेता अवगत नहीं है। यह बात अलग है कि सिंहेश्वर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर भगीरथ प्रयास करने का दावा तो किया जाता है, लेकिन सड़कों की सूरत बदलने की दिशा में ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। स्थिति यह है कि बाबा नगरी आने वाले महिला श्रद्धालुओं को अधिक परेशान होना पड़ता है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मानसून की पहली बारिश में ही सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है।