जोगिंदर सिंह/करनाल!! फरीदपुर गांव मे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हज़ारो साल पुराने शिवलिंग के दर्शन करने पहुचे। फरीदपुर गांव में रेत खनन करते समय मिली प्राचीन मूर्तियां धर्मिक महत्व रखती हैं। जमीन के नीचे से करीब 30 फ़ीट गहराई से निकली पौराणिक मूर्तियां व शिवलिंग भोज काल से निर्मित है। जबकि खुदाई के दौरान निकली ईंटे कुषाण काल से संबंदित हैं। यह खुलासा खान से निकली कला-कृतियों की छानबीन के लिए गांव में पहचे पुरातत्त्व विभाग की टीम ने किया हैं। पुरातत्व विभाग के अनुसार शिवलिंग व मूर्तियां 8वी व 9वी सदी में बनी हैं और लगभग 1000 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। गाँव वालों के मुताबिक उन्हें कल रात ही मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिली, सूचना मिलते ही गांव वालों में खुशी की लहर उमड़ पड़ी। जब से शिवलिंग मिला हैं, तब से ही कुछ पुलिस अधिकारियों की डयूटी गांव में लगी हुई है, शिवलिंग की सुरक्षा को लेकर। मुख्यमंत्री के आने से पहले पुलिस अधिकारियों की एक टीम गांव में आई और उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। गांव फरीदपुर में मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह पर पुलिस तैनात थी। मुख्यमंत्री का गांव फरीदपुर में आने का समय 11:00 am का निर्धारित था। गांव वालों के मुताबिक जब शिवलिंग रेत की खान से निकला तो कुछ ट्रक वाले उस शिवलिंग को ट्रक में लेकर चले गए थे। परन्तु जब इसकी सूचना गांव वालों को मिली तो गांव के युवा क्लब के मेंबर लोग शिवलिंग को दुबारा लेने पहंचे। गांव वालों ने शिवलिंग को लाकर देवी मंदिर में स्थापित कर दिया और पुरातत्व विभाग के अनुसार मूर्तियां हज़ारो साल पुरानी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी शिवलिंग की पूजा-अर्चना की और भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। एक दो दिन पहले रेत की खान के मालिक विरेन्द्र राठौर भी शिवलिंग के दर्शन करने आये थे।