एनसीएल के संरक्षण में ओबी कंपनियों की मनमानी के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी सिंगरौली मंडल के बैनर तले मंडल अध्यक्ष प्रवीण तिवारी के नेतृत्व में गुरुवार को एनसीएल मुख्यालय के सामने शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन छठे दिन अब भूख हड़ताल में तब्दील हो गया। बीते गुरुवार से धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी एनसीएल प्रबंधन के अड़ियल रवैया और अनदेखी के कारण मंगलवार सुबह मुख्यालय गेट पर ही भूख हड़ताल पर बैैैठ गए। मंडल अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, महामंत्री विनोद कुरुवंशी व मिडिया प्रभारी अभयकांत तिवारी के साथ मोंटी कार्लो में कार्यरत 9 कर्मी भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनके समर्थन में सैकड़ों की संख्या में परियोजनाओं से जुटे कर्मचारियों नेे भी प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। गौरतलब हैै कि 7 फरवरी को ओबी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन वृद्धि एवं कार्य मुक्ति पर लाभ तथा बोनस के साथ खड़िया परियोजना में ओबी हटाने वाली निजी कंपनी मोंटी कार्लो लिमिटेड के मजदूरों का वेतन दिए जाने, सितंबर 2018 से लागू हुआ बढ़ा वेतन का एरियर दिए जाने आदि मांगो सिंगरौली मंडल प्रभारी प्रवीण तिवारी पार्टी के अन्य लोगों के साथ एनसीएल मुख्यालय पर धरना दिए हुए थे, लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी ना खड़िया जीएम, मोंटी कार्लो के प्रोजेक्ट मैनेजर व एनसीएल मुख्यालय में पदस्थ अधिकारियों के द्वारा भी प्रदर्शनकारियों की सुध नहीं ली गई, जिस कारण वह भूख हड़ताल पर बैठ गए और उन्होंने अब अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि यदि भूख हड़ताल से भी कंपनी प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मानता है श्रमिक आत्मदाह करने को बाध्य हो जाएंगे। हालांकि प्रदर्शनकारियों से परेशान होकर एनसीएल प्रबंधन द्वारा भी मंगलवार को मोरवा थाने में प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु आवेदन भी देे दिया गया है। प्रदर्शनकारियों की मांगों को लेकर 2 दिन पूर्व ही खड़िया परियोजना में बैठक की गई है। जिसमें यह निर्णय लिया गया की कॉन्टैक्टर द्वारा टर्मिनल बेनिफिट्स देकर उनकी समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा. एनसीएल मुख्यालय गेट पर धरना की जानकारी दी गई थी परंतु भूख हड़ताल य आत्मा के बारे में नहीं बताया गया था। यदि इससे एनसीएल प्रबंधन के कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है और उनके द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
उदय चंद करिहार कुल मिलाकर अभी तक जो प्रदर्शन के नतीजे निकले हैं कंपनी अपना हाथ पूरी तरह से खींचने की कोशिश कर रही है और सरकार इसमें अपना हाथ डालना नहीं चाहती वैसे मैं गरीब मजदूर क्या करें किससे गुहार लगाए कंपनि यां सरकार कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं उक्त जानकारी के अनुसार 2018 में सरकार की तरफ से बढ़ाई हुई मिनिमम वेज अभी तक कंपनियां लागू क्यों नहीं कर रही अगर कंपनी नहीं लागू कर रही हैं तो इसमें सरकार को कोई ना कोई एक्शन लेना चाहिए
रायबेद द्विवेदी
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