उत्तर प्रदेश कुशीनगर में हर साल खूंटी गन्ना गिराकर साल 2017-18 में गेंहू की बुआई 100 प्रतिशत होती चली आयी थी लेकिन वर्ष 2018-2019 में 20 प्रतिशत किसान गेंहू की बुआई किसान कर पाया है, इसका कारण मिल कर्मचारी भ्रष्टाचार में पूर्णरूप से लिप्त हैं जिसका फायदा गन्ना माफिया उठा रहे हैं। इसकी शुरुआत गन्ना पड़ताल से होती है गन्ना माफिया अपने घर तथा दूसरे जिनके पास गन्ना नहीं भी है उनके नाम से पैसा देकर ज्यादा पड़ताल करा दी गयी। जिससे उसके पास पर्ची अफराद आने लगी। किसान जिनके पास समान्य गन्ना था उनका अरली गन्ना परताल कर दिया गया, मिल पिछली साल एक सप्ताह अरली की पेराई करके सामान्य की पेराई शुरू कर दी गयी थी।
लेकिन वर्ष 2018-19 में दो महीने बाद सामान्य की पेराई शुरू हुईं जिससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ कारण 80प्रतिशत लोगों के सामान्य गन्ना है। अरली गन्ना की कमी गन्ना माफिया होने ही नहीं दिया। माफिया लोग किसानो से 150-200 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना खरीद कर डाल देते हैं। किसान परेशान होकर अपना गन्ना बेचने पर मजबूर हो जाता है।
इस विषय में ढाना के मैनेजर से बात की गयी तो उन्होने कहा “हमको अरली गन्ना भरपूर मात्रा में मिल रहा है तो सामान्य गन्ना क्यूँ खरीदें? जब अरली गन्ना समाप्त होगा तब सामान्य गन्ना खरीद पर विचार करेंगे। सरकार एक तरफ किसानो की मदद कर रही है तो दूसरी तरफ कर्मचारी उसको विफल बनाने में लगे हुये हैं।
-महमूद आलम (बीवीसी-401853)