दीपक शर्मा/मसूरी॥ धनोल्टी: ‘देवभूमि’ उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में जब कोई एक सुरम्य स्थल धनोल्टी पहुंचता है, तो वह वहां देवदार के पेड़ों के माध्यम से ताजी हवा महसूस करता है. इस हवा में मिट्टी, लकड़ी की सुगंध और आस-पास के वातावरण की महक मिली होती है. तब आप महसूस करते हैं कि आप भीड़-भाड़ वाले शहर की हलचल को पीछे छोड़ आए हैं और आनंद का अनुभव किया ।गढ़वाल क्षेत्र में जब कोई एक सुरम्य स्थल धनोल्टी पहुंचता है, तो वह वहां देवदार के पेड़ों के माध्यम से ताजी हवा महसूस करता है. इस हवा में मिट्टी, लकड़ी की सुगंध और आस-पास के वातावरण की महक मिली होती है.
तब आप महसूस करते हैं कि आप भीड़-भाड़ वाले शहर की हलचल को पीछे छोड़ आए हैं और आनंद का अनुभव कर रहे हैं. दिल्ली क्राइम प्रेस के पत्रकार दीपक शर्मा ने काफ़ी पर्यटको से सीधी बातचीत की और उनसे वहाँ आने के कारण पूछे और रिव्यूज़ लिए उन्हें कैसा लगा मसूरी और धनोल्टी एवं एक होटल के मालिक जितेंद्र जी ने बताया “यदि कोई मसूरी विंटर लाईन लाइव इंद्रधनुष के दर्शन या सूर्य के निकलने छिपने को नज़दीक से देखना चाहे तो यह सबसे अच्छी जगह है एवं डॉक्टर उमंग गुप्ता भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ आए और काफ़ी लुत्फ़ उठाया और उन्होंने बताया यदि कोई व्यक्ति प्रकृति को सबसे बेहतर रूप से महसूस करना चाहे और ताजी हवा का अनुभव करना चाहे हिमालय से सीधे आने वाले खनिज पानी को पीने की इच्छा अगर उसे है, तो धनोल्टी ही वह स्थान है जिसकी उसे तलाश है.”आगे कहा, “लेकिन, इसे वरदान कहें या शाप, धनोल्टी का तेजी से व्यवसायीकरण हो रहा है और हम पहले की तुलना में यहां बहुत अधिक पर्यटकों को देख रहे हैं.” रविवार की शाम मालरोड़ स्थित गढवाल टैरेस पर काफ़ी पर्यटकों ने नाच गाना शुरू किया जिसमें ख़ास रहे सौरव चौहान, विनीत तनवर, दीपक शर्मा,विकास, को देखकर स्थानीय निवासी अपने कदमों को रोक नहीं पाये व जमकर नृत्य किया। वहीं कुछ गीत उन्होंने दर्शकों की फरमाईस पर डी.जे पर बजाये गए। लोगों ने खूब मनोरंजन किया।