संजय वर्मा/नवादा!! हिसुआ कुशवाहा भवन में एक बैठक कर पती एवं पत्नी को मिलाया जो कि 2015 में सादी विवाह हुआ था। एक दूसरे से पति पत्नी में अच्छा बनाव नहीं रहने के कारण लड़की अपने मायके में रहती थी वह ससुराल नहीं जाना चाहती थी लड़के वाले पक्ष रखने के लिए प्रयास कर रहे थे लड़की पक्ष वाली और लड़का पक्ष वाले दोनों देखती सम्राट अशोक कुशवाहा सेवा समिति ट्रस्ट हिसुआ में एक आवेदन देकर सभी पदाधिकारी को सूचित किए मुझे अपने समाज के लिए न्याय चाहिए एक बेटी की मायके के नहीं ससुराल चाहिए तो अशोक कुशवाहा सेवा समिति के अध्यक्ष मनोज कुशवाहा जी इस पर सभी पदाधिकारियों के साथ सूचित किए एक बच्ची के लिए न्याय की बहुत जरूरी आवश्यकता है इसलिए सभी पदाधिकारी गण सम्राट अशोक कुशवाहा सेवा समिति में के भवन में बैठकर विचार किया जाए तो सभी पदाधिकारी अपनी भवन में बैठकर विचार कर सभी बातों को से पक्ष विपक्ष से जानकारी प्राप्त कर लड़का लड़की से सभी बातों को जानकारी लेकर लेकर निर्णय सभी पंचों द्वारा दिया गया कि आज से मैं शपथ खाता हूं की मेरे पति कहने के अनुसार मैं काम करूंगी और मैं सास को मां के समान समझूंगी ससुर के पिताजी के समान दूंगा और देवर का भाई समान दूंगी और पति ने भी शपथ खाते हुए कहा कि मैं अपनी पत्नी को पूरे सामान आदर के साथ में रखूंगा और मेरे ससुराल कोई भी परिवार आते हैं तो मैं पूरे अपने परिवार के अनुसार सम्मान दूंगा सभी बातों पर सम्राट अशोक कुशवाहा सेवा समिति ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी गण विचार मिलाकर संधि समधि समधी गले में लाया गया और समधीन से समधीन के गले मिलाया गया और पति पत्नी से अपने पति को पैर छूकर आज्ञा मांगी कि जो मैं पहले किसी प्रकार का गलती किया हूं तो मुझे माफ कीजिएगा पति ने भी माफ करने का वचन दिया और अपने पत्नी को आशीर्वाद दिया सभी बातों को देखते हुए सम्राट अशोक कुशवाहा समिति पति पत्नी को विचार मिलाते हुए विदाई दी सम्राट अशोक कुशवाहा बहुत थी काबिले तारीफ की काम किए जो छोटी जगह पर बहुत बड़े-बड़े अच्छे-अच्छे काम में अहम भूमिका निभा रहे हैं जो काम आज तक किए हैं वह बहुत ही सोच समझकर आदान प्रदान कर विचार मिलाकर काम किए हैं इसी तरह मैं कामना करता हूं अच्छे काम का अच्छा नतीजा यह एक सामाजिक संगठन है सबसे पहले एक समाज की गठरी में सभी को मिलाने का काम कर रहे हैं इसी तरह काम करते रहना चाहिए ट्रस्ट में मौजूद सदस्य गण सचिव रमेश प्रसाद,मोसाफिर कुसवाह,मनोज कुमार टुनटुन कुमार रामचरित्र प्रसाद, सूरज प्रसाद, सतेंद्र प्रसाद, रामविलाश प्रसाद, प्रदीप कुमार, संजय वर्मा एवं सैकड़ों भवन के चहेते मौजूद थे।